Triple Talaq Bill: तीन तलाक कानून बनने से हलाला का हुआ अंत
हरिद्वार निवासी आतिया साबरी का कहना है कि तीन तलाक कानून बनने से सबसे बड़ी राहत यह रही कि तीन तलाक के बाद दोबारा शादी के लिए हलाला जैसी कुप्रथा का अंत हो गया।
लक्सर (हरिद्वार), रजनीश कुमार। Triple Talaq Bill तीन तलाक को लेकर कानून बने हुए एक वर्ष हो गए हैं। इसे लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर लंबी लड़ाई जीतने वाली लक्सर के सुल्तानपुर निवासी आतिया साबरी ने दैनिक जागरण से विचार साझा किए। उनका कहना है कि तीन तलाक कानून बनने से सबसे बड़ी राहत यह रही कि तीन तलाक के बाद दोबारा शादी के लिए जरूरी हलाला जैसी कुप्रथा का अंत हो गया। कानून बनने के बाद अब पति-पत्नी आपसी सहमति से ही तलाक ले सकते हैं। यह कानून मुस्लिम महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने और अन्याय के खिलाफ लड़ाई में अहम साबित हो रहा है। आतिया कहती हैं कि तीन तलाक कानून बनने से मुस्लिम महिलाओं के शोषण व प्रताड़ना के मामलों में भी काफी कमी आई है।
लक्सर के सुल्तानपुर निवासी आतिया साबरी का निकाह सुल्तानपुर के ही युवक के साथ हुआ था। दो बेटियों को जन्म देने के चलते शौहर ने उन्हें प्रताड़ित करने के बाद तीन बार तलाक बोलकर घर से निकाल दिया। लेकिन, आतिया इससे डरी या घबराई नहीं। अपने बच्चों और खुद के साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ उन्होंने हर मुमकिन आवाज उठाई। हालांकि ससुराल वालों ने अपनी पहुंच का फायदा उठाकर उन्हें और उनके स्वजनों को न सिर्फ परेशान किया, बल्कि झूठे मुकदमे दर्ज कराकर जेल भिजवा दिया। इसके बावजूद आतिया ने शौहर और ससुरालियों के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार जीत हासिल की। उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ देश के शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने आतिया समेत तीन तलाक से पीड़ित अन्य मुस्लिम महिलाओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे अमान्य घोषित कर दिया। साथ ही केंद्र सरकार को नए कानून बनाने के आदेश दिए।
लंबी लड़ाई के बाद जीत हासिल करने वाली आतिया कहती हैं कि कानून बनने के बाद बीते एक साल में तीन तलाक के मामलों में काफी कमी आई है। मुस्लिम समाज खासकर मुस्लिम महिलाएं इसे लेकर जागरूक हो रही हैं। अपने साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। यह बहुत जरूरी था कि मुस्लिम महिलाएं भी अपने हक को लेकर जागरूक हों और अपने साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं। इस कानून ने यह सब मुमकिन किया है।
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