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हरिद्वार में नकली कीटनाशक की भरमार, कृषि विभाग नींद में

हरिद्वार जिले में नकली कीटनाशक की भरमार है। किसान कीट नियंत्रण के लिए फसलों पर छिड़काव कर रहे हैं लेकिन कीट नष्ट नहीं हो रहे हैं। इसके बावजूद कृषि विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है।

By Edited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 09:58 AM (IST)
हरिद्वार में नकली कीटनाशक की भरमार, कृषि विभाग नींद में

रुड़की, जेएनएन। हरिद्वार जिले में नकली कीटनाशक की भरमार है। किसान कीट नियंत्रण के लिए फसलों पर छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन कीट नष्ट नहीं हो रहे हैं। इसके बावजूद कृषि विभाग इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। दो गन्ना पर्यवेक्षक की ओर से बांटी गई नकली कीटनाशक के मामले में भी विभाग ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि कीटनाशक की खेप कहां से आ रही है। 

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गन्ना विभाग के दो पर्यवेक्षकों ने किसानों को नकली कीटनाशक बेच दिया। मामले की शिकायत होने के बाद गन्ना विभाग पहले तो पूरे मामले में लीपापोती करने में लगा रहा, लेकिन गन्ना आयुक्त के मामला संज्ञान में आने के बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया। इतना ही नहीं इस मामले में नकली कीटनाशक का सैंपल लेकर जांच को भेज दिया है। वहीं किसान भी अब इस तरह की शिकायत कर रहे हैं। 

भाकियू रोड गुट के प्रदेश अध्यक्ष पदम सिंह रोड ने बताया कि जिले में बड़े पैमाने पर नकली कीटनाशक बेचा जा रहा है, लेकिन कृषि विभाग इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। रस्म अदायगी के तौर पर किसानों को नकली कीटनाशक बांटा जा रहा है। ऐसे में किसानों की फसल भी बर्बाद हो रही है। इस संबंध में मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. वीके यादव ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। इस संबंध में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग भी यह पता लगाने का प्रयास करा रहा है कि नकली कीटनाशक कहां से लाया गया है। 

ज्वालापुर क्षेत्र में भी सामने आया नकली दवा बेचने का मामला 

इकबालपुर गन्ना विकास परिषद के बाद अब ज्वालापुर क्षेत्र में भी गन्ना पर्यवेक्षकों के गलत कीटनाशक किसानों को गलत तरीके से बेचे जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में सहायक गन्ना आयुक्त शैलेंद्र सिंह ने जांच शुरू कर दी है। जल्द ही इस मामले में भी कार्रवाई की तैयारी है।

किसानों ने कर्मचारी के  कहने से खरीदी थी दवा

किसानों को नकली कीटनाशक बांटने के मामले में दो गन्ना पर्यवेक्षकों पर कार्रवाई के बाद अब ज्वालापुर समिति के कर्मचारियों पर लगे दवा बेचने के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। वहीं, जांच में किसानों ने कहा है कि कर्मचारी के कहने से उन्होंने दवा खरीदी थी। हालांकि जांच टीम का कहना है कि अभी जांच जारी है। जल्द ही पूरी जांच कर रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी जाएगी। 

रुड़की में गन्ना विभाग के दो कर्मचारियों पर नकली दवा बेचने के मामले में सस्पेंड की कार्रवाई हो गई है। लेकिन अब ज्वालापुर गन्ना विकास समिति के एक कर्मचारी पर बिना विभाग के साथ अनुबंध किए और अनाधिकृत रूप से दवा गन्ना किसानों को बेचने का आरोप लगाया गया है। 

मामले की जांच के लिए तीन सदस्य समिति का गठन किया गया है। समिति ने बहादुरपुर जट में जाकर अवैध रूप से दवा बेचने के आरोपों की जांच की। जांच टीम के सदस्य व लिब्बरहेड़ी ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक आशीष नेगी ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया है कि एक कर्मचारी ने किसानों से बिना अनुबंधित दवा एक दुकान से खरीदने के लिए कहा था। जिससे किसानों ने यह दवा खरीदकर गन्ने की फसल में डाली है। उन्होंने बताया कि एक-दो दिन में जांच पूरी करके रिपोर्ट अधिकारियों को भेज दी जाएगी। 

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खराब फसलों का मिले मुआवजा

कांग्रेसी नेता संगम शर्मा ने सरकार से किसानों को बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग की है। प्रेस को जारी बयान में उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में किसान परेशान हैं, इसलिए लॉकडाउन से पहले नष्ट हुई गेहूं की फसल का मुआवजा देकर उन्हें राहत दी जाए। 

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