समय पर इलाज न मिलने पर ग्रामीण की मौत
संवाद सूत्र, लालढांग: समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण ग्रामीण की मौत हो गई। ग्रामीणों का
संवाद सूत्र, लालढांग: समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण ग्रामीण की मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि फॉरेस्ट गार्ड के डॉक्टर को रोक दिए जाने से समय पर इलाज नहीं मिल पाया, जिससे ग्रामीण की मौत हुई। गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। साथ ही, फॉरेस्ट गार्ड को वहां से हटाए जाने की मांग की। सूचना पर पहुंची पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने फॉरेस्ट गार्ड को वहां से अटैच करने का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ।
नौरंगाबाद गांव निवासी हरपाल ¨सह के पेट में सोमवार देर रात अचानक दर्द हुआ। जिस पर उसके परिजनों ने गैंडीखाता स्थित हनुमंत क्लीनिक के डॉक्टर को फोन कर तत्काल प्राथमिक उपचार देने की मांग की। जिस पर डॉक्टर औरंगाबाद गांव के लिए निकला तो रास्ते में ही वन विभाग के फॉरेस्ट गार्ड और कर्मचारियों ने वन क्षेत्र होने की बात कहकर रोक दिया। करीब एक घंटा चल रही रस्साकशी के बीच ग्रामीणों ने मौके पर पहुंच डॉक्टर को मरीज के पास ले गए लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मरीज हरपाल 50 वर्ष पुत्र घासीराम की इलाज न मिलने के कारण मौत हो चुकी थी। वहीं सोमवार सुबह ग्रामीणों ने जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि गुरजीत लहरी के नेतृत्व में गैंडीखाता स्थित वन विभाग की चौकी पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों की मांग की कि आरोपी फॉरेस्ट गार्ड को तत्काल वहां से अटैच कर उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जाए। सूचना मिलते ही एसओ श्यामपुर प्रदीप मिश्रा फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीण को मामला शांत करने को कहा लेकिन ग्रामीण पुरस्कार को मौके पर बुलाने की जिद पर अड़े रहे। वह कुछ ही देर में वन क्षेत्राधिकारी चिड़ियापुर केएस भंडारी भी मौके पर पहुंचे। उनके आते ही ग्रामीणों का गुस्सा और अधिक बढ़ गया। आलम यह रहा कि वन क्षेत्राधिकारी के साथ ग्रामीणों ने धक्का-मुक्की तक कर डाली। वन क्षेत्राधिकारी की ओर से फॉरस्ट गार्ड को अटैच करने का आदेश का पत्र देखने के बाद ही ग्रामीणों में धरने को समाप्त कराया। वन क्षेत्राधिकारी चिड़ियापुर केएस भंडारी फोरेस्ट गार्ड का बचाव करते नजर आए। ग्रामीणों का विरोध और गुस्सा देखते हुए फिलहाल फोरेस्ट गार्ड को चिड़ियापुर रेंज से अटैच कर दिया है। विरोध प्रदर्शन करने वालों में रामकुमार, तोमर ¨सह, हरपाल ¨सह, संजय सैनी, विजेंदर सैनी, मुकेश सैनी, नरेश, राजेन्द्र ¨सह, रानी देवी, कुसुम देवी, शकुंतला देवी आदि मौजूद रहे।