किसानों को 72 नहीं, 36 करोड़ मिलने की उम्मीद, पढ़िए पूरी खबर
दो साल से गन्ना मूल्य भुगतान की आस लगाए बैठे गन्ना मूल्य भुगतान की आस लगाए बैठे किसानों को फिलहाल पूरी राहत मिलती नहीं दिख रही है।
रुड़की, जेएनएन। दो साल से गन्ना मूल्य भुगतान की आस लगाए बैठे किसानों को फिलहाल पूरी राहत मिलती नहीं दिख रही है। राज्य सरकारी बैंक की ओर से 36 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत कर लिया गया है, लेकिन पीएनबी की ओर से अभी तक चीनी मिल को ऋण स्वीकृति नहीं दी गई है। मिल प्रबंधन ने दावा किया है कि सोमवार तक 36 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है।
इकबालपुर चीनी मिल की ओर से गन्ना किसानों का पिछले दो साल के बकाया का भुगतान नहीं किया गया है। इसकी वजह से गन्ना किसानों में रोष है। वो लगातार आंदोलन और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। 12 सितंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गन्ना विभाग, किसान प्रतिनिधि मंडल और चीनी मिल प्रबंधन की बैठक ली थी। उन्होंने पेराई सत्र 2017-18 के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए चीनी मिल को सॉफ्ट लोन दिलाने की बात कही थी। 30 सितंबर तक गन्ना किसानों का पेराई सत्र 2017-18 का भुगतान करने का दावा किया गया, लेकिन पांच अक्टूबर बीत जाने के बाद भी गन्ने का भुगतान नहीं हो सका है।
इसकी वजह से गन्ना किसानों में जबरदस्त आक्रोश है। तीन दिन पहले ही किसानों ने चीनी मिल पर प्रदर्शन भी किया। चीनी मिल के महाप्रबंधक गन्ना दिनेश कुमार ने बताया कि राज्य सहकारी बैंक की ओर 36 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत हो गया है।
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सोमवार को यह पैसा किसानों के खाते में आ जाएगा। उन्होंने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक की ओर से ऋण स्वीकृत नहीं हो सका है। उम्मीद है कि 15 दिन में यह ऋण भी स्वीकृत हो जाएगा। इसके चलते पेराई सत्र 2017-18 का पूरा भुगतान हो जाएगा।
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