हाथी को आबादी क्षेत्र में आने से रोकना चुनौती
संवाद सूत्र लालढांग जंगली हाथी को आबादी क्षेत्र में घुसने से रोकना वनकर्मियों के लिए किसी च
संवाद सूत्र, लालढांग: जंगली हाथी को आबादी क्षेत्र में घुसने से रोकना वनकर्मियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र जंगल से सटा होने के कारण वन कर्मियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उच्चाधिकारियों के आदेश पर वनकर्मी दिन रात गश्त कर रहें हैं, बावजूद इसके हाथी रिहायसी इलाके में घूम रहे हैं।
पथरी क्षेत्र के पंजनहेड़ी और जियापोता गांव में एक महिला और एक किसान को मौत के घाट उतारने वाला हाथी ग्रामीणों व वनकर्मियों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। दो लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद ग्रामीण अब भी दहशत में हैं। दो मौत के बाद ग्रामीणों ने वनाधिकारियों का घेराव तक किया था, जिसके बाद वन अधिकारी हरकत में आ गए हैं। प्रभागीय वनाधिकारी के आदेश के बाद हरिद्वार की सभी रेंजों के वनकर्मी दिन-रात गश्त में जुटे हैं। एक ओर जंगल से एक ओर गंगा से घिरा श्यामपुर क्षेत्र में भी जंगली जानवरों की आवाजाही रोकना वन विभाग के कर्मचारियों के लिए किसी चुनौती से काम नहीं है। इस पूरे क्षेत्र में कई स्थानों से हाथी बहुत ही आसानी से गांव में घुस सकता है। हालांकि सभी रेंजों के वनकर्मी रातभर हाइवे के किनारे आग जलाकर पूरा प्रयास कर रहे हैं, लेकिन स्टाफ का कम होना भी इनके माथे पर परेशानी डाल रहा है। शाम ढलते ही वनकर्मी चांडी बीट से लेकर पीली पुल तक जंगली जानवरों को रिहायसी इलाके में रोकने का भरसक प्रयास कर रहें हैं। बावजूद उसके कहीं ना कही से हाथी सहित अन्य जंगली जानवर गांव में घूम रहे हैं। वन क्षेत्राधिकारी श्यामपुर खुशाल सिंह रावत ने बताया कि गस्त बराबर की जाती है। उच्चाधिकारियों के आदेश पर पूरे रेंज में लगातार गश्त कर जंगली जानवरों सहित हाथी को रिहायसी इलाके में घुसने से रोकना का प्रयास किया जा रहा है।