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करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़पने वालों से ईडी करेगा वसूली, पढ़िए पूरी खबर

छात्रवृत्ति घोटाले में करोड़ों का सरकारी खजाना हड़पने वाले कुछ लोग जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं। एसआइटी उनसे सरकारी धन की रिकवरी भी कराएगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 02:13 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 02:13 PM (IST)
करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़पने वालों से ईडी करेगा वसूली, पढ़िए पूरी खबर
करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़पने वालों से ईडी करेगा वसूली, पढ़िए पूरी खबर

हरिद्वार, मेहताब आलम। छात्रवृत्ति घोटाले में करोड़ों का सरकारी खजाना हड़पने वाले कुछ लोग जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं, जबकि कुछ जेल जाने की तैयारी में हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ जेल जाने से उन्हें अपने जुर्म की सजा मिल गई। एसआइटी उनसे सरकारी धन की रिकवरी भी कराएगी। इसके लिए हाईकोर्ट से अनुमति लेकर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को पत्र भेजा जाएगा। ईडी को यह अधिकार है कि छात्रवृत्ति घोटाले की रकम के साथ-साथ उससे अर्जित संपत्ति भी जब्त कर सकता है। यह तय है कि निजी कॉलेज संचालकों के साथ-साथ सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी कार्रवाई की जद में आएंगे।

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हरिद्वार जनपद के निजी शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में अभी तक 100 करोड़ से अधिक का गड़बड़झाला पकड़ में आ चुका है। एसआइटी की जांच में पता चला है कि निजी कॉलेज व आइटीआइ चलाने वालों ने सरकारी धन हड़प कर अकूत संपत्ति इकत्र की है। 

निजी संचालकों के अलावा समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के उत्तराखंड से बाहर तक संपत्तियां होने की जानकारी मिली है। इससे साफ है कि एससी-एसटी व जरूरतमंद छात्रों के हिस्से का धन हड़पकर निजी शिक्षण संस्थान चलाने वाले लोग और विभागीय अफसरों ने अकूत संपत्ति अर्जित की। हर साल विभाग का एक बड़ा बजट मिलजुल कर ठिकाने लगाया जाता रहा। एसआइटी अभी तक 14 कॉलेजों के 16 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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इनमें करीब आठ लोग जमानत पर जेल से बाहर चुके हैं। कुछ की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है, जबकि कुछ लोग गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट की तरफ दौड़ रहे हैं। सिर्फ जेल जाकर ऐसे लोग आगे की कार्रवाई से नहीं बच पाएंगे। सूत्र बताते हैं कि एसआइटी अगले चरण में उनसे रिकवरी की प्रक्रिया भी शुरू करेगी। चूंकि पूरे मामले की निगरानी नैनीताल हाईकोर्ट कर रहा है, इसलिए अनुमति लेकर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को इस कार्रवाई में शामिल किया जाएगा। सरकारी खजाने की भरपाई के लिए ईडी सिर्फ नगदी ही वापस नहीं लेगा, बल्कि छात्रवृत्ति की रकम से अर्जित की गई संपत्तियां भी अपने कब्जे में लेगा। बाद में इनकी नीलामी कराते हुए सरकारी नुकसान की भरपाई की जाएगी।

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लिस्ट के अनुसार चल रही कार्रवाई

एसआइटी के पास छात्रवृत्ति का गबन करने वाले निजी शिक्षण संस्थानों की लंबी फेहरिस्त है। हरिद्वार जनपद के करीब 125 कॉलेज व आइटीआइ के नाम इस सूची में शामिल हैं। एसआइटी ने शुरुआत बड़े घोटालेबाजों से की है। सबसे अधिक धन हड़पने वालों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह कार्रवाई ऊपर से नीचे की तरफ बढ़ रही है। एसआइटी की जांच और कार्रवाई लिस्ट के अनुसार चल रही है। कुछ कॉलेज संचालक इस गलत फहमी में है कि उनके कारनामों की जानकारी एसआइटी को नहीं है। जबकि सच यह है कि लिस्ट में यदि नाम है तो आज नहीं तो कल, कार्रवाई होना तय है। एसआइटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि जिस संस्थान ने छात्रवृत्ति की रकम हजम की है, उन सभी का नंबर जाएगा। जांच और कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है।

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