रुड़की में एक साल के बालक पर झपटा आवारा कुत्तों का झुंड, पिता ने बामुश्किल बालक को छुड़वाया
एक साल के बालक पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। बालक की चीख सुनकर पेड़ पर आम तोड़ रहे उसके पिता तुरंत ही नीचे उतरे और कुत्तों के झुंड से बामुश्किल बालक को छुड़वाया। कुत्तों ने शरीर पर जगह-जगह नोचा हुआ था।
संवाद सहयोगी, रुड़की। एक साल के बालक पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। बालक की चीख सुनकर पेड़ पर आम तोड़ रहे उसके पिता तुरंत ही नीचे उतरे और कुत्तों के झुंड से बामुश्किल बालक को छुड़वाया। कुत्तों ने शरीर पर जगह-जगह नोचा हुआ था। बालक को उपचार के लिए सिविल अस्पताल रुड़की लाया गया। जहां से उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
भगवानपुर थाना क्षेत्र के सिकरोढ़ा गांव निवासी सलीम ने बताया कि वह मजदूरी करता है। उसके घर के समीप ही आम का बाग है। एक व्यक्ति ने उसे पेड़ से आम तोड़ने के लिए कहा था। वह आम तोड़ ही रहा था कि पीछे-पीछे उसका बेटा साबिर भी वहां आ गया। इसी दौरान अचानक से आवारा कुत्तों का झुंड वहां आया और उसके बच्चे पर झपट गया। बच्चे की चीख सुनकर जब उसने नीचे देखा तो वह तुरंत ही पेड़ से उतरा और जैसे-तैसे उसने कुत्तों को खदेड़ा। आसपास के और लोग भी वहां आ गए। उन्होंने कुत्तों को वहां से भगा दिया। कुत्ते के हमले में उसका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। पहले उसे भगवानपुर क्षेत्र के एक अस्पताल में ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे रुड़की सिविल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
सिविल अस्पताल की चिकित्सक डा. ताहिरा ने बताया कि बालक के शरीर पर कुत्तों ने कई जगह काटा हुआ। यहां तक की बालक के सिर में भी गहरे जख्म बने हुए हैं। बालक को प्राथमिक उपचार दे दिया गया है। गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर किया गया है।
कुत्तों के हमले एक बच्ची की जा चुकी है जान
रुड़की के सिकरोढ़ा में आवारा कुत्तों के हमले की यह पहली घटना नहीं है। दो साल पहले एक आठ साल की बच्ची पर भी आवारा कुत्तों ने इसी तरह से हमला कर दिया था। बच्ची को जब तक ग्रामीणों ने कुत्तों से छुड़या। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। गांव के शमशाद ने बताया कि गांव के जंगल में कुत्ते इसी तरह से कई बार हमला कर चुके हैं। कई ग्रामीणों को कुत्ते काट चुके हैं। लेकिन, कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
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