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मुकदमे के बाद उठाया शव, चार घंटे हंगामा

महिला कांस्टेबिल की मौत से आक्रोशित परिवार के लोगों ने चार घंटे तक शव नहीं उठाया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 07:25 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 07:25 PM (IST)
मुकदमे के बाद उठाया शव, चार घंटे हंगामा
मुकदमे के बाद उठाया शव, चार घंटे हंगामा

जागरण संवाददाता, रुड़की: महिला कांस्टेबिल की मौत से आक्रोशित परिवार के लोगों ने चार घंटे तक शव नहीं उठाया। परिवार के लोग थाना प्रभारी और रुड़की कोतवाली के एक कांस्टेबिल पर उत्पीड़न के आरोप में मुकदमा दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। बाद में रुड़की कोतवाली के कांस्टेबिल के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और एससीएसटी का मुकदमा दर्ज होने के बाद ही मामला शांत हुआ।

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झबरेड़ा थाना की महिला कांस्टेबिल मंजीता निवासी ग्राम भाटगढ़ी, त्यूणी जिला देहरादून ने रविवार देर शाम थाना परिसर के आवास में फांसी लगाई थी। सोमवार सुबह सिविल अस्पताल की मोर्चरी में डाक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। स्वजनों ने थाना प्रभारी रविद्र कुमार और कोतवाली सिविल लाइंस रुड़की में तैनात कांस्टेबिल परमिदर असवाल पर मंजीता का उत्पीड़न और जाति सूचक शब्द कहने के आरोप लगाए। आरोप था कि एक साल पहले गंगनहर कोतवाली में मंजीता के साथ परमिदर की तैनाती थी। तभी से वह मंजीता को परेशान कर रहा था। वहीं, झबरेड़ा थाना प्रभारी पर तबादला होने के बावजूद मंजीता को रिलीव नहीं करने का आरोप लगाया। झबरेड़ा पुलिस पर मंजीता का मोबाइल गायब करने का भी आरोप लगाया। हालांकि बाद में उसे कमरे के अंदर डस्टबीन से टूटी हुई हालत में बरामद किया गया। कार्रवाई की मांग पर अड़े स्वजनों ने शव उठाने से मना कर दिया। दोपहर 11 बजे से शाम तीन बजे तक स्वजनों और पुलिस में नोकझोंक होती रही। एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, सीओ अभय प्रताप सिंह ने स्वजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिवार के लोग तुरंत ही मुकदमे की मांग पर अड़े रहे। मंजीता के भाई महेंद्र सिंह ने कोतवाली सिविल लाइंस के कांस्टेबिल परमिदर असवाल के खिलाफ तहरीर दी। एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि परमिदर असवाल पर मुकदमा दर्ज किया गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद ही परिवार के लोगों ने शव उठाया।

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महिला कांस्टेबिल का तय हुआ था रिश्ता

रुड़की: महिला कांस्टेबिल का कुछ दिन पहले त्यूणी क्षेत्र में एक शिक्षक के साथ रिश्ता भी तय हुआ था। कुछ समय बाद उसकी शादी होने थी। परिवार के लोग भी शादी की तैयारी में थे। उसकी मौत के बाद दोनों परिवार सदमे में हैं। मंजीता काफी मिलनसार थी। रुड़की गंगनहर कोतवाली में वह एक साल तैनात रही। उसके साथ काम करने वाली महिला पुलिसकर्मियों को भी उसकी मौत से झटका लगा है। मंजीता अपने दोस्तों से अक्सर कहती थी कि वह शिक्षक बनना चाहती है।

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मोबाइल का सिम गायब

रुड़की: मंजीता के परिवार के लोगों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उसका मोबाइल गायब किया है। उसके मोबाइल में साक्ष्य गायब करने की भी आरोप लगाए थे। पुलिस को उसका मोबाइल टूटी हालत में बरामद हुआ है, लेकिन बताया जा रहा है कि सिम अभी तक नहीं मिला है। आखिर सिम कहां गायब हुआ। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।

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थाना प्रभारी की बात से संतुष्ट हुए स्वजन

रुड़की: मंजीता के परिवार के लोग थाना प्रभारी पर भी उत्पीड़न के आरोप लगा रहे थे। लेकिन, थाना प्रभारी रविद्र कुमार ने परिवार के लोगों को घटना से पहले और बाद की फुटेज दिखाई। साथ ही, बताया कि वह करीब एक माह पहले आए थे। उनकी मंजीता से एक बार ही बात हुई है। थाना प्रभारी के पक्ष रखने के बाद परिवार के लोग उनकी बातों से संतुष्ट हुए।

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पुलिस अधिकारी भी कठघरे में

रुडकी: परिवार के लोगों ने आरोप लगाया कि मंजीता ने कई बार उत्पीड़न की शिकायत मौखिक पुलिस अधिकारियों की। इसके बावजूद अधिकारियों ने आज तक कार्रवाई नहीं की। अधिकारी यदि समय रहते कार्रवाई करते तो मंजीता की जान बच सकती थी।


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