Coronavirus Precaution Tips: कोरोना संक्रमण से मुक्ति के बाद भी रहें सतर्क, बरतें ये सावधानियां
ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि कोरोना संक्रमण से मुक्ति के बाद भी लोगों में इसके लक्षण देखे जा रहे हैं। यदि ऐसा हो तो जरूरी है कि आप चिकित्सक से तत्काल परामर्श लें और खानपान के साथ अपनाएं अनुशासित जीवनशैली...
हरीश तिवारी, ऋषिकेश। कोविड-19 महामारी ने देश के प्रत्येक नागरिक को किसी न किसी तरह से प्रभावित किया है और इसमें स्वास्थ्य मुख्य है। बावजूद इसके शुरूआती दौर में संक्रमण को लेकर जिस तरह की सतर्कता नजर आ रही थी, अब उसमें काफी कमी आ गई है। समय बीतने के साथ लोग अब इसे सामान्य तौर पर लेने लगे हैं। यह कहना भी अनुचित नहीं होगा कि लोग बेफिक्र जैसे हो गए हैं।
जीवन को पटरी पर लाना बेहद जरूरी है और इसके लिए हालात सामान्य होने चाहिए, लेकिन सामान्य होने का मतलब लापरवाह होना नहीं है। अब हमने सार्वजनिक समारोहों में भाग लेना शुरू कर दिया है। जबकि समारोहों में शामिल होते वक्त एहतियात बेहद जरूरी है। यह सही है कि कोरोना संक्रमण से ग्रस्त मरीजों में स्वस्थ होने की दर बेहतर है, लेकिन यह समय संक्रमण के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील है। इस बीमारी से उबरने के बाद लोग लंबे समय तक मानसिक और शारीरिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। हमें इस बात को नहीं भूलना है कि कोविड-19 का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसी स्थिति में अगले कुछ माह संक्रमण के लिहाज से अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
लक्षण दिखें तो चिकित्सक से लें परामर्श: कोविड-19 संक्रमण से उबरने के बाद भी कुछ लक्षण बने रह सकते हैं। यह लक्षण युवा, वृद्ध और बच्चे-किसी में भी-देखे जा सकते हैं। इनमें वे लोग भी हो सकते हैं, जो घर पर ही क्वारंटाइन हुए हों। दुनियाभर में कोविड-19 संक्रमण से उबर चुके व्यक्तियों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि 55 फीसद में थकान, 42 फीसद को सांस लेने में परेशानी, 34 फीसद में याद न रहने और करीब 30 फीसद को नींद न आने की समस्याएं सामने आई हैं। यदि लंबे समय तक ये लक्षण बने रहते हैं तो चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद जरूरी है। किसी भी तरह की लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है।
प्रमुख लक्षण
- दस्त, जी मिचलाना
- सिरदर्द, शरीर में दर्द
- थकान और हरारत होना
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
- छाती या पेट में दर्द की शिकायत
- अवसाद, तनाव और नींद न आना
- खांसी या सांस लेने में दिक्कत होना
- स्वाद या सुगंध को महसूस न करना
आवश्यक रूप से करें व्यायाम: व्यायाम अच्छी नींद के साथ शरीर को चुस्त रखने में भी मदद करता है। कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद योग, हल्का व्यायाम और प्राणायाम जरूर करना चाहिए। ऐसे लोगों को एक सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम की सलाह दी जाती है। इसके अलावा थोड़ा-बहुत वक्त ध्यान को भी दें तो अच्छा रहेगा।
मधुमेह व उच्च रक्तचाप के मरीज रहें सतर्क: मधुमेह (डायबिटीज) और उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) जैसी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद भी अतिरिक्त सावधानी रखनी होगी। संतुलित आहार के साथ ही उन्हेंं पर्याप्त नींद भी लेनी चाहिए। ऐसे मरीजों को तनाव से दूर रहना होगा। कई बार इस तरह के मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद बुरे ख्याल आने लगते हैं, जिन्हें पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर कहा जाता है। ऐसे में दोस्तों और परिवार के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं। परिवार द्वारा मिला भावनात्मक कवच ऐसे में संजीवनी साबित होता है। इसके बावजूद दिक्कतें बढ़ें तो मनोवैज्ञानिक अथवा मनोचिकित्सक की सलाह ली जानी चाहिए। यह भी जरूरी है कि कोविड -19 को लेकर किसी प्रकार की गलत अवधारणा न पालें। आवश्यकता पड़ने पर जिला अस्पताल अथवा कोविड के नोडल अधिकारी से किसी भी जानकारी को पुष्ट करा लें।
कोविड-19 से उबरने के बाद रखें विशेष ध्यान
- मास्क का उपयोग करें। हाथ और मुंह की स्वच्छता के साथ ही शारीरिक दूरी बनाए रखें
- पर्याप्त मात्रा में गर्म पानी पीएं
- फाइबर की अच्छी मात्रा और कम कॉर्बोहाइड्रेट व उच्च प्रोटीन वाला संतुलित आहार लें। पौष्टिक आहार रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है
- नींद, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। वयस्कों के लिए कम से कम सात से आठ घंटे और बच्चों के लिए 10 घंटे की नींद आवश्यक है
- ठीक होने के बाद अपने अनुभव दोस्तों और रिश्तेदारों से साझा करें। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है
न टूटे इम्युनिटी का सुरक्षा चक्र
कोरोना संक्रमण को मात देने में इम्युनिटी की अहम भूमिका है। इसलिए चिकित्सक पौष्टिक खानपान की सलाह देते हैं। आप कोरोना संक्रमण पर जीत हासिल कर चुके हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि खानपान में लापरवाही बरतें। डाइट बेहतर रखें, जिससे हर तरह के संक्रमण से सुरक्षित रहें।