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411 आंगनबाड़ी केंद्रों को मिली अपनी छत

महिला सशक्तीकरण और बाल विकास के अधीन संचालित 411 आंगनबाड़ी केंद्रों को अब मनरेगा से खुद की छत नसीब हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 06:12 AM (IST)
411 आंगनबाड़ी केंद्रों को मिली अपनी छत
411 आंगनबाड़ी केंद्रों को मिली अपनी छत

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: महिला सशक्तीकरण और बाल विकास के अधीन संचालित 411 आंगनबाड़ी केंद्रों को अब मनरेगा से खुद की छत नसीब हो गई है। पहले केवल 366 केंद्र ही खुद के भवन में थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 777 हो गई। शेष केंद्रों को अभी भी अपनी छत का इंतजार है।

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जिले में 3179 आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिला सशक्तीकरण के लिए केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों का पंजीकरण कर उनको पुष्टाहार दिया जाता है। इन केंद्रों में से पहले 366 ही खुद के भवन में चल रहे थे। इसको देखते हुए दो वर्ष पहले मनरेगा से विकास विभाग ने प्रति केंद्र सात लाख रुपये की लागत से 499 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण शुरू कराया। कार्य आगे बढ़ा तो बजट के अभाव में निर्माण की गाड़ी फिर अटक गई। इस पर जिला विकास अधिकारी ने सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी) के तहत कंपनियों की मदद से आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को पूरा कराने में जुटे। नौ दिसंबर तक 411 केंद्रों का भवन निर्माण पूरा हो चुका है। छह विकास खंडों में बने नए आंगनबाड़ी केंद्रों में सर्वाधिक 112 नारसन विकास खंड में हैं

कई किसी के घर तो, कई केंद्र पंचायत घर में चल रहे

अभी भी बहुत से आंगनबाड़ी केंद्र आंगनबाड़ी कर्मियों के घर, गांव के पंचायत घरों या बहुउद्देश्यीय भवनों में संचालित हो रहे हैं। विभाग को इनके लिए भी शासन या मनरेगा से मदद की दरकार है।

मनरेगा से बने आंगनबाड़ी केंद्र विकास खंडवार

विकास खंड,पूर्ण निर्मित, लंबित

बहादराबाद,129,95,34

भगवानपुर,100,63,37

खानपुर,35,35,00

लक्सर,51,51,00

नारसन,127,112,15

रुड़की,57,55,02

कुल,499,411,88

प्रति केंद्र सात लाख रुपये लागत से मनरेगा योजना से 411 आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन बनकर तैयार हो चुका है। इसे हैंडओवर कर दिया गया है। शेष 88 अभी लंबित है।

पुष्पेंद्र सिंह चौहान, जिला विकास अधिकारी


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