सीएम मनाने पहुंचे तो माने शिवानंद
गंगा में खनन के खिलाफ मातृ सदन के परामाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती और उनके शिष्य आतमबोधानंद का अनशन रविवार दोपहर सीएम ने मातृसदन पहुंच कर तुड़वाया। इस दौरान सीएम ने कहा कि जहां जरूरी नहीं वहां खनन नहीं होगा।
हरिद्वार। गंगा में खनन के खिलाफ मातृ सदन के परामाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती और उनके शिष्य आतमबोधानंद का अनशन रविवार दोपहर सीएम ने मातृसदन पहुंच कर तुड़वाया। इस दौरान सीएम ने कहा कि जहां जरूरी नहीं वहां खनन नहीं होगा।
बता दें खनन के विरोध में 21 मई से स्वामी शिवानंद सरस्वती ने अनशन कर रहे थे। इस बीच वह तीन बार जल भी त्याग चुके थे। वहीं मातृसदन के स्वामी आत्मबोधानंद 16 मई से अनशन पर बैठे थे। उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु की गुहार भी लगाई थी। स्वामी शिवानंद का कहना है कि गंगा व उसकी सहायक नदियों में इस फैसले की आड़ में अवैध खनन की अनुमति दी है। गंगा में पत्थर बहकर नहीं आते। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय इसकी रिपोर्ट दे चुका है। इसके बाद भी पत्थर आने की बात कहकर गंगा में अवैध खनन की अनुमति दी जा रही है। अवैध खनन के लिए 35 पोकलैंड मशीन रखी हैं। इस काम से गंगा का पारिस्थतिकी संतुलन बिगड़ जाएगा।
शिवानंद ने रविवार से तीसरी बार जल त्याग दिया था। पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा के साथ मातरी सदन में हुई वार्ता में दोनों पक्षों में खनन बंदी पर सहमति बनी थी। साथ ही यह भी तय हुआ था कि मुख्यमंत्री कनखल स्थित मातृ सदन आएंगे। स्वामी शिवानंद ने कहा था कि मुख्यमंत्री की तरफ से कोई संकेत नहीं मिल रहा है। दूसरी तरफ स्टोन क्रशर के मालिक सरकार को अपनी तरफ करने में जुटे हुए हैं। ऐसी परिस्थितियों में उन्होंने रविवार से तीसरी बार जल त्याग दिया था।
रविवार दोपहर सीएम हरीश रावत मातृ सदन पहुंचे और उन्होंने स्वामी शिवानंद सरस्वती और उनके शिष्य आतमबोधानंद का अनशन तुड़वाया।
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