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चौधरी राजेंद्र सिंह बोले, भाजपा गलत तरीके से जिंप अध्यक्ष की कुर्सी पर करना चाहती है कब्जा

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी सरकार नियम-कानून ताक पर रखकर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करना चाहती है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 07:03 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 07:03 PM (IST)
चौधरी राजेंद्र सिंह बोले, भाजपा गलत तरीके से जिंप अध्यक्ष की कुर्सी पर करना चाहती है कब्जा
चौधरी राजेंद्र सिंह बोले, भाजपा गलत तरीके से जिंप अध्यक्ष की कुर्सी पर करना चाहती है कब्जा

रुड़की, जेएनएन। उत्तराखंड किसान आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी सरकार नियम-कानून ताक पर रखकर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करना चाहती है। सविता चौधरी को गलत तरीके से सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटाया। उन्होंने कहा कि चाहे सरकार कुछ भी कर ले, लेकिन वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होगी। 

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शनिवार को सिविल लाइंस स्थित डाक बंगले में उत्तराखंड किसान आयोग के पूर्व अध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह ने प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जिले में गुर्जर नेतृत्व को पूरी तरह से समाप्त करना चाहती है। सरकार कई बार सविता चौधरी के खिलाफ एक ही बिंदु पर जांच करा चुकी है, लेकिन उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि जिन दुकानों में धांधली करने के आरोप लगाए हैं उन दुकानों को नियमानुसार किराये पर दिया गया है। भाजपा की सरकार लगातार उनका उत्पीडऩ कर रही है। बावजूद वह पीछे नहीं हटेंगे। 

जिला पंचायत की राजनीति में उनका पूरा दखल है और हमेशा रहेगा। भाजपा सरकार जिला पंचायत की कुर्सी पाना चाहती है, लेकिन इतिहास गवाह है कि जिला पंचायत की राजनीति में जनता ने भाजपा को हर बार नकारा है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। न्यायालय से सविता चौधरी बहाल होंगी और इस सीट पर चुनाव की नौबत नहीं आएगी। आने वाले दिनों में भी जनता सरकार को सबक जरूर सिखाएगी। नगर निगम चुनाव में जनता ने इसे दिखाया भी है। चौधरी राजेंद्र सिंह ने कहा कि कोटवाल आलमपुर जिला पंचायत सीट पर होने वाले चुनाव में वह अपने समर्थक को चुनाव में उतारेंगे। 

यह था मामला

चौधरी राजेंद्र सिंह ने बताया कि जुलाई 2018 में दुकान नीलामी मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष सविता चौधरी पर धांधली का आरोप लगाकर जांच शुरू की गई, जिसमें मामले में बिना अंतिम जांच के जिला पंचायत अध्यक्ष सविता को निलंबित कर दिया गया। 12 मार्च 2019 को हाईकोर्ट ने बहाल कर दिया। मामला सविता चौधरी के कार्यकाल का नहीं था। इसलिए सविता को बहाल किया गया, लेकिन इसके बाद भी फिर से सरकार ने कार्रवाई की और वित्तीय अधिकार बहाल नहीं किए। 

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अप्रैल में कोर्ट के आदेश पर वित्तीय अधिकार बहाल हुए। उसके बाद मुख्यमंत्री ने फिर से उन्हीं बिंदुओं पर जांच शुरू कराई। चौधरी राजेंद्र सिंह का कहना है कि इसके बाद गलत तरीके से सविता चौधरी को दोषी करार देते हुए अक्टूबर 2019 में बर्खास्त कर दिया।

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