Move to Jagran APP

20 साल पहले बने प्रमाण पत्रों की नहीं मिल रही पत्रावलियां

जागरण संवाददाता, रुड़की: एसआइटी की ओर से रुड़की तहसील से जारी किए गए 81 मूल निवास प्रमा

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 03:04 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 03:04 AM (IST)
20 साल पहले बने प्रमाण पत्रों की नहीं मिल रही पत्रावलियां
20 साल पहले बने प्रमाण पत्रों की नहीं मिल रही पत्रावलियां

जागरण संवाददाता, रुड़की: एसआइटी की ओर से रुड़की तहसील से जारी किए गए 81 मूल निवास प्रमाण पत्रों में से अधिकांश की पत्रावलियां ही नहीं मिल पा रही है। ऐसे में इन प्रमाण पत्रों की जांच में दिक्कत आ रही है। वहीं, कानूनगो व लेखपालों को अब एक सप्ताह में जांच पूरी करने के लिए कहा गया है। रुड़की तहसील में 2005 से पहले की पत्रावलियां ही नहीं मिल पा रही है।

loksabha election banner

पूरे प्रदेश में इन दिनों एसआइटी फर्जी डिग्री व प्रमाण पत्रों के जरिए शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले शिक्षकों की जांच-पड़ताल कर रही है। रुड़की तहसील से बड़ी संख्या में मूल निवास एवं जाति प्रमाण पत्र भी जारी किए गए। इन प्रमाण पत्रों के जरिए कुछ शिक्षक तो जिले में ही नौकरी कर रहे हैं, जबकि कुछ प्रदेश के अन्य पर्वतीय जिलों में नौकरी पर हैं। एसआइटी की प्रभारी एसपी श्वेता चौबे ने बताया कि रुड़की तहसील से जारी 81 प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए रुड़की तहसील को भेजा गया है। कई शिक्षकों के प्रमाण पत्रों पर उप जिलाधिकारी की मुहर तो लगी हुई है, लेकिन तत्कालीन उप जिलाधिकारी के हस्ताक्षर प्रमाण पत्र पर कुछ और हैं, जबकि अन्य पत्रावलियों पर दूसरे। तहसील में भी 2005 से पहली अधिकांश पत्रावलियां उपलब्ध ही नहीं है। कुछ पत्रावलियां अधूरी हैं। ऐसे में तहसील के लेखपाल व कानूनगो सत्यापन करने के लिए लगे हुए हैं। इस संबंध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने बताया कि अभी जांच-पड़ताल जारी है। रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल एक मूल निवास प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.