यहां सुस्त हो चली है अटल आयुष्मान योजना के कार्ड बनाने की चाल, जानिए
हरिद्वार जिले में आयुष्मान योजना के कार्ड बनाने की गति सुस्त चल रही है। अब तक यहां पांच लाख कार्ड ही बन पाए हैं।
हरिद्वार, जेएनएन। पांंच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराने के लिए चलाई गई अटल आयुष्मान योजना के कार्ड बनाने की गति सुस्त पड़ती दिखाई दे रही है। हालत यह है कि एक साल में करीब पांच लाख कार्ड ही बन पाए हैं।
पिछले साल स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी को अटल आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने की घोषणा की थी। इसके तहत परिवार के हर सदस्य के नाम आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए कवायद चली। इस कार्ड के आधार पर मरीज को पांच लाख रुपये तक का इलाज मिलना था। शुरू में तो हरिद्वार में कार्ड बनवाने की रफ्तार तेज रही। इसके लिए जगह-जगह केंद्र बनाए गए थे। लेकिन अब कार्ड बनाने की रफ्तार सुस्त हो चली है।
आलम ये है कि अब तो इसके लिए शिविर भी नहीं लग रहे हैं। यहां अब तक करीब पांच लाख ही कार्ड बने हैं, जबकि जिले की कुल आबादी करीब तीस लाख है। ऐसे में जिले के करीब 25 लाख लोगों के पास अभी भी आयुष्मान कार्ड नहीं है। अटल आयुष्मान योजना के जिला कोआर्डिनेटर राहुल जुगरान ने बताया कि योजना में कार्ड बनवाने की कोई डेडलाइन नहीं है। वहीं, सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी का कहना है अटल आयुष्मान योजना का कार्ड बनाने का काम चल रहा है। अगर कहीं से शिविर लगाने की मांग आती है तो इसकी व्यवस्था कराएंगे।
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कॉमन सेंटर से बन रहा आयुष्मान कार्ड
अटल आयुष्मान योजना का कार्ड बनाने के लिए पैनल के अस्पतालों में स्वास्थ्य मित्र और जिले में संचालित 456 कामन सर्विस सेंटरों के जरिए कार्ड बनाने को अधिकृत किया गया। डिमांड के अनुरूप लगे शिविर में भी कामन सर्विस सेंटर संचालकों ने ही कार्ड बनाए।
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