निर्माण तो दूर, मरम्मत के भी आसार नहीं
रुड़की बस अड्डे में नए भवन के निर्माण का मामला तो दूर जीर्णोद्धार को लेकर भी शासन से अब तक हरी झंडी नहीं मिल पाई है।
जागरण संवाददाता, रुड़की: रुड़की बस अड्डे में नए भवन के निर्माण का मामला तो दूर जीर्णोद्धार को लेकर भी शासन से अब तक हरी झंडी नहीं मिल पाई है। ऐसे में फिलहाल कर्मचारियों को जर्जर बिल्डिंग में बैठकर ही कामकाज करना पड़ेगा।
रुड़की बस अड्डे की बिल्डिंग करीब साठ साल पुरानी है। इमारत की हालत बेहद खराब है। बरसात के दिनों में तो कर्मचारी कई बार हेलमेट लगाकर काम करते हैं। छत पर प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है। इसके अलावा हल्की बारिश में छत टपकना शुरू हो जाती है। इसको देखते हुए कुंभ मेला प्रशासन की ओर से रुड़की बस अड्डे की नई बिल्डिग बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से यह काम होना था, लेकिन नई इमारत के लिए शासन से हरी झंडी नहीं मिली है।वहीं बस अड्डे की बिल्डिग की मरम्मत के लिए बजट नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में निगम के कर्मचारियों को जर्जर बिल्डिग में बैठकर ही कामकाज करना होगा। इस संबंध उप मेलाधिकारी गोपाल सिंह चौहान ने बताया कि मरम्मत के लिए भी बजट की मांग की गई है।
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यात्रियों को होती है सबसे अधिक परेशानी
रुड़की: रुड़की बस अड्डे पर सभी बसें अंदर नहीं आती है। हरिद्वार से जाने वाली अधिकांश बसें हाईवे पर खड़ी होती हैं और यहां से सवारी लेकर निकल जाती है। इसी तरह से उप्र की अधिकांश बसें हरिद्वार जाते समय बस अड्डे के बाहर से ही निकलती है। अंदर बस नहीं आती है। बरसात के दिनों में यात्रियों को बारिश में भीगते हुए बसों का इंतजार करना पड़ता है।