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जुए के दलदल में फंसे भेलकर्मी ने पड़ोसी बुजुर्ग से मांगी छह लाख की रंगदारी, गिरफ्तार

भेलकर्मी ने अपने पड़ोसी बुजुर्ग से छह लाख की रंगदारी मांग ली। मामला कनखल की विष्णु गार्डन कॉलोनी का है।

By Edited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 05:48 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 07:15 PM (IST)
जुए के दलदल में फंसे भेलकर्मी ने पड़ोसी बुजुर्ग से मांगी छह लाख की रंगदारी, गिरफ्तार
जुए के दलदल में फंसे भेलकर्मी ने पड़ोसी बुजुर्ग से मांगी छह लाख की रंगदारी, गिरफ्तार

हरिद्वार, जेएनएन। जुए के दलदल में फंसे एक भेलकर्मी ने अपने पड़ोसी बुजुर्ग से छह लाख की रंगदारी मांग ली। मामला कनखल की विष्णु गार्डन कॉलोनी का है। दरवाजे पर चिट्ठी मिलने के बाद कैंसर पीड़ित बुजुर्ग ने डरते-डरते पुलिस को सूचना दी। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने पर पूरी तस्वीर साफ हो गई और पुलिस ने भेलकर्मी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित भाजपा पार्षद परमिंदर गिरी का भाई है। 

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पुलिस के मुताबिक विष्णु गार्डन कॉलोनी निवासी रविंद्र सिंघल यूपीसीएल से रिटायर्ड हैं। उनके बेटे की हार्डवेयर की दुकान है। रविंद्र सिंघल कैंसर से पीड़ित हैं। सोमवार रात उनके दरवाजे पर एक चिट्ठी मिली, जिसमें लिखा था कि लाइफ टाइम सिक्योरिटी मनी के तौर पर उन्हें छह लाख रुपये देने होंगे। चिट्ठी पढ़कर बुजुर्ग के होश उड़ गए। कई घंटे तक परिवार इस पशोपेश में रहा कि पुलिस को सूचना दी जाए कि नहीं। करीब चार घंटे बाद उन्होंने कनखल थानाध्यक्ष विकास भारद्वाज को इस बारे में सूचना दी।

रंगदारी का मामला होने के चलते पुलिस फौरन हरकत में आ गई और छानबीन शुरू कर दी। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक करने पर पड़ोस में रहने वाला भेलकर्मी रविंद्र चिट्ठी रखकर लौटता नजर आया। पुलिस ने रविंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की। कुछ मिनट की पूछताछ में ही उसने रंगदारी मांगने की बात कुबूल कर ली। कनखल थानाध्यक्ष विकास भारद्वाज ने बताया कि भेलकर्मी रविंद्र जुए की लत का शिकार है। उसके सिर पर काफी कर्ज भी हो गया था। इसलिए उसने पड़ोस में रहने वाले कैंसर पीड़ित रविंद्र सिंघल से रंगदारी मांगी थी। आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

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फिल्मी स्टाइल में मंगाई रकम 

भेलकर्मी को डर था कि मोबाइल से कॉल कर रंगदारी मांगी तो पुलिस कॉल डिटेल और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से उसे पकड़ लेगी। इसलिए उसने चिट्ठी लिखकर रंगदारी मांगी, लेकिन सीसीटीवी कैमरे का ध्यान नहीं दिया। चिट्ठी में रकम भी बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में मंगाई गई। उसमें लिखा गया कि 23 जून यानी मंगलवार की दोपहर छह लाख की रकम ज्वालापुर में ऊंचे पुल मंदिर के पास छोड़कर चले जाना। भेलकर्मी को उम्मीद थी कि रविंद्र सिंघल किसी को कुछ नहीं बताएंगे और डरकर चुपचाप रकम दे देंगे। एसओ कनखल विकास भारद्वाज ने बताया कि रविंद्र सिंघल को खुद इलाज के लिए रुपयों की आवश्यकता थी, ऊपर से रंगदारी मांग ली गई। तब उन्होंने पुलिस को सूचना देने में ही भलाई समझी।

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