किसानों की समस्याएं हल नहीं हुई तो होगा घेराव
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) रोड गुट की मासिक पंचायत में पदाधिकारियों ने कहा कि कई विभाग किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। किसानों को न्याय देने के बजाय तारीख पर तारीख दे रहे हैं। ऐसे अधिकारियों ने यदि अपनी कार्य प्रणाली में सुधार नहीं किया तो किसान उनको बंधक बनाएंगे।
जागरण संवाददाता, रुड़की: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) रोड गुट की मासिक पंचायत में पदाधिकारियों ने कहा कि कई विभाग किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। किसानों को न्याय देने के बजाय तारीख पर तारीख दे रहे हैं। ऐसे अधिकारियों ने यदि अपनी कार्य प्रणाली में सुधार नहीं किया तो किसान उनको बंधक बनाएंगे।
बुधवार को रुड़की के प्रशासनिक भवन में आयोजित पंचायत में भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष पदम सिंह रोड ने कहा कि जिले में चकबंदी, राजस्व से जुड़े किसानों के बड़ी संख्या में मामले लंबित पड़े हैं। चकबंदी विभाग की मनमानी तो किसी से छिपी नहीं है। चकबंदी विभाग के अधिकारी लगातार किसानों का उत्पीड़न कर रहे हैं। चकबंदी से जुड़े मामलों की शिकायत की गई थी, लेकिन अभी तक उसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई है। किसानों को इंसाफ के बजाय तारीख पर तारीख दी जा रही है। किसी मामले में पांच साल तो किसी में तीन साल का समय हो चुका है, लेकिन प्रशासन के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसलिए जिले का किसान सड़कों पर उतरेगा। ऐसे अधिकारियों को बंधक बनाया जाएगा, जोकि रात दिन किसानों का उत्पीड़न कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष नाजिम अली ने कहा कि किसानों को लगातार प्रताड़ित करने का काम ऊर्जा निगम कर रहा है। किसानों के खिलाफ बिजली चोरी के झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। किसानों को पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल पा रही है, जिसकी वजह से किसानों के लिए फसल को सूखे से बचाना बड़ी चुनौती साबित होता जा रहा है। बिजली कटौती बंद नहीं की गई तो किसान सड़कों पर उतरेंगे। जिला उपाध्यक्ष मुबारिक अली ने कहा कि चीनी मिले किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं कर रही है। जिसकी वजह से जिले के किसान परेशान है। लंबे समय से कोई भुगतान नहीं मिला है। पंचायत में आचार्य घनश्याम, प्रदीप त्यागी, रामदास, चिश्ती आलम, पवन रोड, जावेद, शोभाराम आदि मौजूद रहे।