Haridwar Kumbh Mela 2021: अखाड़ा परिषद ने दूर की बैरागी अणियों की नाराजगी
Haridwar Kumbh Mela 2021 अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में उपेक्षा का आरोप लगाकर खुद को अखाड़ा परिषद से अलग करने की घोषणा करने वाली बैरागी अणियों ने बुधवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि से मुलाकात के बाद अपना निर्णय स्थगित कर दिया।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में उपेक्षा का आरोप लगाकर खुद को अखाड़ा परिषद से अलग करने की घोषणा करने वाली बैरागी अणियों ने बुधवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि से मुलाकात के बाद अपना निर्णय स्थगित कर दिया। साथ ही, अखाड़ा परिषद में अपनी आस्था जताते हुए हरिद्वार कुंभ में अखाड़ा परिषद के साथ बने रहने की घोषणा की है। हालांकि बैरागी अणियों ने परिषद के किसी पदाधिकारी के निजी तौर पर राज्य सरकार को यह लिखकर देने कि कोविड-19 को लेकर कुंभ के स्वरूप पर सरकार जो निर्णय लेगी, अखाड़ा परिषद उसका पालन करेगा इस पर सख्त आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि किसी संत की निजी राय अखाड़ा परिषद की सामूहिक राय कभी भी नहीं होगी।
अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि बैरागी अणियों की मांग जायज है। सरकार को उनकी मांग पर ध्यान देना चाहिए। उनके हित का ध्यान रखकर तत्काल फैसला लेना चाहिए। मुलाकात के दौरान बैरागी अणियों की ओर से श्री महंत कृष्णदास, श्रीमहंत राजेंद्रदास और महंत धर्मदास ने बैरागी कैंप क्षेत्र में कुंभ कार्यों में हो रही देरी पर चर्चा की। साथ ही, बैरागी अणियों को इससे हो रही परेशानियों के बारे में बताया। इस मुद्दे पर आपसी चर्चा के बाद पिछले दिनों बैरागी अखाड़ों के हंगामे और अखाड़ा परिषद को भंग करने संबंधी बयान पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने इसे लेकर अपनी-अपनी नाराजगी व्यक्त की और गिले-शिकवे दूर किए।
निर्मोही अणि अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने महंत कृष्णदास और महंत धर्मदास की मौजूदगी में बताया कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि से मुलाकात और बैठक के बाद बैरागी अणियों की नाराजगी दूर हो गई है। अब कोई शिकवा-शिकायत नहीं है। हम सभी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ हैं और आगे भी साथ रहेंगे। उन्होंने सरकार और अखाड़ा परिषद से बैरागी अणियों को जल्द से जल्द भूमि आवंटन किए जाने, बैरागी कैंप क्षेत्र से अतिक्रमण हटाए जान की अपनी मांग दोहराई। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने उनकी मांग को जायज ठहराते हुए सरकार से इस पर तत्काल कार्रवाई किए जाने की मांग की। साथ ही, कहा कि वह इस पर जल्द मुख्यमंत्री से वार्ता कर समस्या का समाधान कराएंगे।
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