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बाबा रामदेव बोले, धामी अब तक के सबसे पराक्रमी और ऊर्जावान सीएम; समझते हैं हर व्यक्ति का दर्द

योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संघर्ष और अभाव से निकलकर आने वाले व्यक्ति हैं जो अंतिम छोर के व्यक्ति की पीड़ा को भी समझते हैं। उन्होंने सिंह धामी को अब तक के सबसे तेज और पराक्रमी मुख्यमंत्री बताया।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 01:58 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 09:36 PM (IST)
बाबा रामदेव बोले, धामी अब तक के सबसे पराक्रमी और ऊर्जावान सीएम; समझते हैं हर व्यक्ति का दर्द
बाबा रामदेव बोले, धामी अब तक के सबसे तेजस्वी और पराक्रमी सीएम।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। योगगुरु बाबा रामदेव ने पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश का अब तक का सबसे पराक्रमी, ऊर्जा व क्षमतावान मुख्यमंत्री बताया। उन्होंने कहा कि धामी का विजन साफ है और उनके नेतृत्व में राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है।

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शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पतंजलि अनुसंधान संस्थान में योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से शिष्टाचार मुलाकात करने पहुंचे थे। इस मौके पर आयोजित स्वागत कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि पतंजलि ने प्राचीन भारतीय विधाओं को अनुसंधान के माध्यम से आगे बढ़ाने का कार्य किया है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगगुरु बाबा रामदेव ने योग को पूरी दुनिया में पहुंचाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इससे पूर्व सीएम धामी ने पतंजलि औषधीय उद्यान में पौधारोपण भी किया।

स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि से लिया आशीर्वाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुनहरा स्थित श्रीजीवन दीप आश्रम में पहुंचकर जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि महाराज से आशीर्वाद लिया। साथ ही, उनके साथ जुड़ी अपनी यादों को ताजा किया। इस दौरान उन्होंने श्रीसिद्धबली गणपति महोत्सव की स्थापना पूजा की। महामंडेश्वर स्वामी यतीश्वरानंद गिरि महाराज ने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी धार्मिक और सामाजिक भावनाओं से भरे हुए हंै। सीएम बनने से पहले वह लगातार संगठन के कार्यों में ही लगे रहे। उनके नेतृत्व में उत्तराखंड विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनका लक्ष्य उत्तराखंड को पूरे देश में नंबर वन बनाना है।

नदियों में प्रवाहित न की जाए देवी-देवताओं की मूर्ति

श्री जीवनदीप आश्रम की ओर से इस बार नई पहल की गई है। जिससे नदियों में प्रदूषण न हो। आश्रम में धातु के बड़े गणपति प्रतिष्ठित किए गए हैं। जिनको उत्सव गणपति नाम दिया गया। विसर्जन वाले दिन विधिवत उनका पूजन कर यात्रा के साथ गंगा जी जाकर उन्हें स्नान कराकर वापस मंदिर में स्थापित किया जाएगा। साथ ही, आमजन से भी अपील की गई है कि देवी-देवताओं की मूर्तियां नदियों में विसर्जित नहीं की जाएं।

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