अवैध खनन के खिलाफ स्वामी शिवानंद ने दी शरीर त्यागने की चेतावनी
अवैध खनन के खिलाफ स्वामी आत्मबोधानंद की भूख हड़ताल जारी रही। वहीं, स्वामी शिवानंद ने भी एक सप्ताह के भीतर खनन बंद न होने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी।
हरिद्वार, [जेएनएन]: गंगा व सहायक नदियों से अवैध खनन खत्म करने की मांग को लेकर स्वामी आत्मबोधानंद की भूख हड़ताल 13वें दिन भी जारी रही। वहीं मातृसदन के परमाध्यक्ष शिवानंद सरस्वती ने एक सप्ताह के बाद से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी।
मातृ सदन अवैध खनन के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन कर रहा है। आंदोलन के तहत मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती और उनके शिष्य आत्मबोधानंद कई बार भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं। इस बार आत्मबोधानंद तपस्या पर बैठे हैं। इसके तहत वह अन्न ग्रहण नहीं कर रहे हैं।
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मातृ सदन में स्वामी शिवानंद सरस्वती ने पत्रकारों को बताया कि अवैध खनन पर रोक की मांग को लेकर उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, उत्तराखंड के राज्यपाल, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा है।
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पत्र में उन्होंने एक सप्ताह के अंदर गंगा में खनन पर रोक न लगने की दशा में स्वयं अनिश्चितकालीन तपस्या प्रारंभ करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस बार वह तपस्या के माध्यम से अपना शरीर तक छोड़ देंगे।
स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि तमाम सर्वे से प्रमाणित हो चुका है कि गंगा में खनन नहीं हो सकता। कुंभ क्षेत्र में खनन वर्जित भी है। इसके बावजूद गंगा में माफिया सरकार के संरक्षण के चलते जमकर खनन कर रहे हैं। प्रदेश सरकार के मुखिया गंगा में खनन कराकर हरिद्वार को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि मातृ सदन गंगा में खनन बंदी को लेकर आंदोलन करता आ रहा है। इससे अधिकारी वाकिफ भी है। इसके बावजूद गंगा में खनन न रुकना चिंता का विषय है। दूसरी ओर जिला चिकित्सालय से चिकित्सकों की टीम ने मातृ सदन पहुंचकर विगत 13 दिनों से तपस्या पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के स्वास्थ्य की जांच की।
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