ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद दिल्ली एम्स में भर्ती, गंगा रक्षा को 30 जनवरी से कर रहे हैं अनशन
ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में भर्ती कराया गया है।
हरिद्वार, जेएनएन। गंगा रक्षा के लिए मातृसदन आश्रम में अनशन कर रहे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के स्वास्थ्य में गिरावट आई है। इसके चलते उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है। शनिवार को हरिद्वार स्थित मातृसदन में चिकित्सकों ने परीक्षण के बाद उन्हें एम्स दिल्ली के लिए रेफर किया था। यहां से जिला अस्पताल के चिकित्सकों के एक दल के साथ वह एंबुलेंस से दिल्ली रवाना हुए। बता दें, ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद तीस जनवरी से अनशन पर थे और बुधवार से उन्होंने जल भी त्याग दिया था। बीते 24 दिन में उनके वजन में नौ किलोग्राम की कमी आई है। गौरतलब है कि 15 दिसंबर से आश्रम में अनशन कर रहीं साध्वी पद्मावती का पहले से ही एम्स में उपचार चल रहा है।
शनिवार सुबह जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. विकास दीप आश्रम पहुंचे और ब्रह्मचारी आत्माबोधानंद के स्वास्थ्य की जांच की। उन्हें पेशाब में दिक्कत पाई गई। डॉ. विकास के अनुसार उन्होंने चार दिन से जल ग्रहण नहीं किया है, इसीलिए यह समस्या हुई है। चिकित्सकों के अनुसार इस स्थिति में उनकी किडनी भी प्रभावित हो सकती है। इस पर जिला प्रशासन से विचार-विमर्श के बाद उन्हें दिल्ली ले जाने का निर्णय लिया गया। दोपहर बाद ढाई बजे चिकित्सकों की टीम उन्हें लेकर दिल्ली रवाना हो गई। जिलाधिकारी सी रविशंकर न बताया कि एंबुलेंस को दिल्ली पहुंचने में साढ़े चार घंटे लगे। शाम करीब साढ़े सात बजे उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया।
मातृसदन ने दी तीखी प्रतिक्रिया
ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को दिल्ली एम्स ले जाने पर मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने इस मामले में मातृसदन या ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद की सहमति नहीं ली। पूरी व्यवस्था स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे चिकित्सकों और उच्च प्रशासनिक अधिकारियों की सलाह पर की गई। उन्होंने कहा कि 'मैंने चेतावनी दी कि यदि ब्रह्म्चारी को उत्तराखंड के किसी अस्पताल में भर्ती कराया तो हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।' उन्होंने कहा कि इसके बाद दिल्ली एम्स ले जाने की तैयारी की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने ब्रह्मचारी आत्मोबधानंद को उठाने की तैयारी पहले से ही कर ली थी। यही वजह थी कि प्रशासन और पुलिस की टीम ने शनिवार सुबह से ही आश्रम गेट पर डेरा जमा लिया था।
उन्होंने दावा किया कि सात से आठ दिन तक सामान्य व्यक्ति बिना पानी के रह सकता है, संत-संन्यासी का शरीर इससे से अधिक समय तक बिना पाने के रहने का अभ्यस्त होता है। आत्मबोधानंद को तो अभी महज चार दिन ही हुए थे। आरोप लगाया कि उनके और आत्मबोधानंद के न मानने पर भी प्रशासन जबरन उन्हें एम्स ले गया। कहा कि अभी ब्रह्मचारी का अनशन जारी है, यदि अनशन भंग हुआ तो दूसरे संत तप करेंगे। तपस्या पर कौन बैठेगा, इस पर सदन के सदस्यों के साथ विमर्श किया जाएगा।
रास्ते में पड़ने वाले जिलों से व्यवस्था बनाने का आग्रह: जिलाधिकारी
हरिद्वार के जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने स्पष्ट किया कि एंबुलेंस को दिल्ली के रास्ते में कोई अड़चन न आए, इसके लिए उनके साथ पुलिस दल भी भेजा गया है। साथ ही उत्तर प्रदेश के तीन जिलों और दिल्ली प्रशासन से आवश्यक व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। डीएम ने साफ किया कि ग्रीन कॉरीडोर बनाने जैसा कोई निर्देश प्रशासन को नहीं मिला है।
यह भी पढ़ें: साध्वी पदमावती की तबीयत बिगडी, दिल्ली एम्स रेफर Haridwar News