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खून की होगी अधिकांश जांच, एड्स रोगी को भी नहीं लगानी होगी देहरादून की दौड़

एड्स रोगियों को अब संपूर्ण उपचार सिविल अस्पताल रुड़की में ही मिलेगा। उन्हें देहरादून जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं नई पैथोलॉजी लैब भी कई और नई मशीनों से लैस हो गई है। जिससे थायराइड शूगर की विभिन्न जांचों के साथ अन्य खून की जांच भी हो सकेंगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 07:03 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 07:03 PM (IST)
खून की होगी अधिकांश जांच, एड्स रोगी को भी नहीं लगानी होगी देहरादून की दौड़
खून की होगी अधिकांश जांच, एड्स रोगी को भी नहीं लगानी होगी देहरादून की दौड़

संवाद सहयोगी, रुड़की: एड्स रोगियों को अब संपूर्ण उपचार सिविल अस्पताल रुड़की में ही मिलेगा। उन्हें देहरादून जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं, नई पैथोलॉजी लैब भी कई और नई मशीनों से लैस हो गई है। जिससे थायराइड, शूगर की विभिन्न जांचों के साथ अन्य खून की जांच भी हो सकेंगी। मंगलवार को शहर विधायक प्रदीप बत्रा ने अस्पताल के एआरटी सेंटर (एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी) एवं नई पैथोलॉजी का रिबन काटकर उद्घाटन किया।

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सिविल अस्पताल में उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्य अतिथि एवं शहर विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि सिविल अस्पताल रुड़की लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। जिससे अधिकांश मरीजों को संपूर्ण उपचार अब अस्पताल में ही मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल को और बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। अस्पताल को और सुविधा संपन्न बनाया जा रहा है। विधायक ने प्रथम तल पर एड्स रोगियों के लिए खोले गए एआरटी सेंटर का रिबन काटकर उसका उद्घाटन किया। उन्होंने पूरे सेंटर के बारे में जानकारी ली। इसके बाद वह ग्राउंड फ्लोर पर पहुंचे। यहां उन्होंने अस्पताल की नई पैथोलॉजी लैब का भी उद्घाटन किया। उन्होंने लैब का निरीक्षण किया। उसमें लगी मशीनों के बारे में जानकारी ली। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय कंसल ने एआरटी सेंटर और लैब से जुड़ी विभिन्न महत्वपूर्ण बातें बताई। साथ ही अस्पताल की नई योजना के बारे में भी बताया। इस मौके पर डॉ. एके मिश्रा, डॉ. एके श्रीवास्तव, डॉ. रितु खेतान, डॉ. महेश खेतान, प्रबंधक दिव्यांशु, पवन कश्यप, मंयक आदि मौजूद रहे।

अस्पताल की नई लैब में सुविधाएं

-थायराइड जांच

-शुगर की एचबीए 1 सी जांच (तीन माह तक का शुगर लेवल बताती है)

-इलेक्ट्रोलाइट मशीन से सोडियम पोटिशियम जांच

-सीबीसी थ्री पार्ट

-एलाइजा जांच

(इसके अलावा 52 अन्य जांच)

यह है एआरटी सेंटर

रुड़की: जब किसी मरीज की खून की जांच करने पर उसमें एचआइवी की पुष्टि होती है तो उसे एआरटी सेंटर भेजा जाता है। यहां पर एड्स से संबंधित विभिन्न जांच की जाती है। इसके अलावा मरीज को दवा दी जाती है। दवाओं की डोज बनाई जाती है। एआरटी सेंटर अभी तक केवल देहरादून में था, लेकिन अब यह सेंटर रुड़की में भी खुल गया है। जिससे यदि जिले में कोई एड्स मरीज होगा तो उसे देहरादून जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अस्पताल में ही उसे उपचार मिल सकेगा।


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