मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में लापरवाही पर प्रशासन सख्त
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में पात्रों को लाभ देने में लापरवाही बरतने पर अब जिला प्रशासन सख्त हो गया है। जिन बैंकों का प्रदर्शन अछा होगा उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा।
संवाद सहयोगी, हरिद्वार : मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में पात्रों को लाभ देने में लापरवाही बरतने पर अब जिला प्रशासन सख्त हो गया है। जिन बैंकों का प्रदर्शन अच्छा होगा, उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। लेकिन, जो बैंक अपना प्रदर्शन अच्छा साबित नहीं करेंगे, उनकी जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई भी की जाएगी। योजना का लाभ देने में योगदान देने के बजाए उदासीन रवैया अपनाने पर एसबीआइ व ग्रामीण बैंक की कार्यप्रणाली पर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त किया है और सुधार लाने की हिदायत दी।
बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी सी. रवि शंकर ने जिला स्तरीय सलाहकार व समीक्षा समिति की बैठक ली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में पात्रों को योजना का लाभ दिलाया जाए। कहा कि जन कल्याणकारी योजनाओं और अन्य ऋण संबंधी जो भी आवेदन बैंक को प्राप्त हों, उन पर तत्काल कार्रवाई करें। जिनको योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता है, उन्हें भी 15 दिन के अंदर अवगत कराएं। जिलाधिकारी ने कहा कि नगर निगम कांपलेक्स, नेहरू स्टेडियम रुड़की, ऋषिकुल मैदान, भूपतवाला, बीएचईएल के सेक्टर तीन व चार में एक नवंबर से प्रस्तावित मेलों में बैंकों से ऋण संबंधी स्टॉल लगाए जाएं। जिससे लाभार्थी मेलों के जरिए भी योजना का लाभ उठा सकें। 30 आवेदन वापस और 80 आवेदन निरस्त
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से वर्ष 2020-21 में भौतिक लक्ष्य 100 प्रोजेक्ट से बढ़ाकर 200 कर दिया गया है। 20 सितंबर तक जनपद में विभिन्न बैंकों को योजना के तहत 295 ऋण आवेदन भेजे गए। जिनमें से 61 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। 30 आवेदन वापस और 80 आवेदन निरस्त किए गए हैं।