करोड़ों के गबन के मामले में एक साल बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
संवाद सूत्र लक्सर जलसंस्थान में एक करोड़ 72 लाख के गबन के मामले में एक साल बाद भी पुलिस की
संवाद सूत्र, लक्सर : जलसंस्थान में एक करोड़ 72 लाख के गबन के मामले में एक साल बाद भी पुलिस की जांच की सुई आगे नहीं बढ़ सकी है। गबन के आरोपित तत्कालीन प्रधान सहायक को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इतने बड़े घपले को अंजाम देने के बाद भी आरोपित अपने प्रभाव के चलते पुलिस की पकड़ से बाहर है।
जलसंस्थान की लक्सर डिवीजन के तत्कालीन सहायक अभियंता राजेश कुमार की ओर से जनवरी 2021 में लक्सर कोतवाली में डिवीजन में प्रधान सहायक के पद पर तैनात आरोपित बिदर कुमार निवासी मिरगपुर थाना देवबंद जनपद सहारनपुर उत्तर प्रदेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमे में बताया गया था कि जलसंस्थान कार्यालय लक्सर में तैनाती के दौरान बिदर कुमार के पास लक्सर के अलावा लंढौरा, मंगलौर, भगवानपुर आदि डिवीजन की भी जिम्मेदारी थी। बिदर कुमार ने इस दौरान जलमूल्य के रूप में उपभोक्ताओं से वसूले गए एक करोड़ 72 लाख 16 हजार एक सौ रुपये की धनराशि को विभाग के बैंक खातों में जमा कराने के बजाय धनराशि का गबन कर लिया।
विभागीय खातों में जमा धनराशि और उपभोक्ताओं से प्राप्त बिलों में भारी अंतर पाए जाने पर विभाग की ओर से मामले की गहनता से जांच कराई गई तो गबन का पता चला। बताया गया कि विभाग की ओर से जवाब-तलब करने के साथ ही नोटिस जारी किए जाने पर बिदर कुमार ने अपनी गलती स्वीकारते हुए गबन की गई धनराशि में से सात लाख 50 हजार रुपये की धनराशि विभाग के खाते में जमा करा दी। पर, बाकी एक करोड़ 64 लाख 66 हजार एक सौ रुपये की धनराशि उसने विभाग को वापस नहीं की, जिसके बाद आरोपित प्रधान सहायक को सस्पेंड कर दिया गया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी, लेकिन एक साल का समय बीतने के बाद भी पुलिस की जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है। एक साल बाद भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया गया है। बताया गया कि पुलिस के साथ सांठगांठ एवं अपने प्रभाव के चलते ही आरोपित अभी तक गिरफ्तारी से बचा हुआ है। वहीं इस बाबत मामले की जांच कर रहे एसएसआइ मनोज सिरोला का कहना है कि आरोपित की तलाश में उसके ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। लेकिन, वह पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहा है। वहीं दूसरी ओर पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं कि अन्य मामलों की तरह एक साल बाद भी इतने बड़े गबन के मामले के आरोपित के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई क्यों नहीं की गई।