जागरण संवाददाता, रुड़की: लोकसभा चुनाव के दौरान सरकार जनता को अपनी उपलब्धियां गिना रही है, लेकिन हकीकत यह है कि कई योजनाओं का लोगों को पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों की बात करें तो यहां पर आने वाले नौनिहालों के लिए पेयजल, शौचालय, बैठने आदि की उचित व्यवस्था तक नहीं है। क्योंकि रुड़की ब्लॉक में अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवनों में संचालित किए जा रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से रुड़की ब्लॉक में तीन बाल विकास परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनमें शहरी परियोजना, ग्रामीण प्रथम एवं ग्रामीण द्वितीय परियोजना शामिल है। तीनों परियोजनाओं के तहत ब्लॉक में लगभग पौने आठ सौ से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें हजारों की संख्या में तीन से छह साल तक के बच्चे प्राथमिक शिक्षा के लिए आते हैं। उधर, रुड़की ब्लॉक में 70 फीसद से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवनों में चल रहे हैं। ऐसे में यहां बच्चों के बैठने से लेकर पेयजल, शौचालय आदि की उचित व्यवस्था नहीं है। कई केंद्र प्राथमिक विद्यालयों, पंचायत घर आदि में संचालित किए जा रहे हैं। जबकि कुछ केंद्र तो घरों में बनाए गए गैराज आदि में किराये पर चल रहे हैं। जिस वजह से केंद्रों में आने वाले बच्चों को काफी परेशानी होती है। उधर, कई सालों से बाल विकास विभाग की ओर से विभागीय भवन बनाने की बात कही जा रही है, लेकिन अभी तक इन भवनों का निर्माण नहीं हो सका है। बाल विकास परियोजना ग्रामीण द्वितीय के सीडीपीओ धर्मवीर सिंह यादव के अनुसार जिले में करीब 500 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण का कार्य चल रहा है। वहीं जिन क्षेत्रों में विभागीय भवन बन गए हैं, वहां पर जगह के अनुसार दो-तीन भवनों को एक साथ संचालित किया जा रहा है। जिससे कि बच्चों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
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