गुरुवाणी व शबद-कीर्तन से निहाल हुई संगत
जागरण संवाददाता हरिद्वार सिखों के 10वें गुरु गुरु गोविद सिंह का 356वां प्रकाश पर्व धूमधाम से
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : सिखों के 10वें गुरु गुरु गोविद सिंह का 356वां प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया। कनखल स्थित गुरुद्वारा तीजी पातशाही श्रीगुरु अमर दास जी तप स्थान में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का भोग चढ़ाया गया। अरदास की गयी और शब्द कीर्तन का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर तपस्थान की संचालिका बीबी बिनिदर कौर ने कहा कि गुरु गोविद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। जिसे सिख धर्म में प्रमुख माना जाता है। इनके पिता सिख धर्म के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था। गुरु गोविद सिंह एक महान योद्धा और धार्मिक व्यक्ति थे। नौ वर्ष की अल्पायु में वह 10वें गुरु के रूप में आसीन हुए। ग्रंथि सरदार देवेंद्र सिंह ने कहा कि गुरु गोविद सिंह ने ही वाहे गुरु की फतेह, वाहे गुरु का खालसा का नारा दिया था। सिखों को पंच ककार धारण करने का आदेश दिया था। ये पांच चीजें ये है। केश, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा। इस अवसर पर मीनू शर्मा, अतुल शर्मा, मनजीत सिंह, सरदार इंद्र सिंह समेत कई लोग मौजूद रहे।
---------
अखंड पाठ का हुआ समापन
हरिद्वार : पथरी क्षेत्र के गांव शाहपुर में गुरु गुरु नानक दरबार शाहपुर शीतलाखेड़ा में श्री गुरु गोविद सिंह के प्रकाश पर्व पर अखंड पाठ का समापन हुआ। लंगर का भी आयोजन किया गया। गुरुद्वार में माथा टेक कर संगत ने लंगर प्रसाद ग्रहण किया। गुरुद्वारे के ज्ञानी प्रीतम सिंह, संजय सरदार, सरदार रोता सिंह, सरदार करण सिंह, सरदार पवन सिंह, भगवान सिंह के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। महापौर ने गोल गुरुद्वारा में माथा टेका
हरिद्वार : ज्वालापुर स्थित गोल गुरुद्वारा के अलावा गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा में महापौर अनिता शर्मा और पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने माथा टेका। महापौर ने कहा कि सभी को गुरु गोविद सिंह के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। कार्यक्रम उपरांत लंगर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पार्षद अनुज सिंह, विक्रम सिंह सिद्धू, डा. करतार सिंह, मनप्रीत सिंह, कुंवर बाली,हुकम सिंह, गुरविदर सिंह, रविद्र सिंह, सरदार दलजीत सिंह मान आदि मौजूद रहे। विश्व कल्याण की कामना की
हरिद्वार : कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में संतों ने शबद कीर्तन और अरदास कर विश्व कल्याण की कामना की। निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि गुरु गोविद सिंह भक्ति तथा शक्ति के संगम थे। कोठारी महंत जसविदर सिंह महाराज ने कहा कि गुरु गोविद सिंह महाराज त्याग और वीरता की मिसाल थे। महंत अमनदीप सिंह, ज्ञानी महंत खेम सिंह महाराज, महंत निर्भय सिंह, संत गुरजीत सिंह आदि मौजूद रहे।