संस्कृत पढ़ने में महसूस करें गौरव
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: प्रदेश के शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री अर¨वद पांडे ने कहा कि भौतिक यु
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: प्रदेश के शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री अर¨वद पांडे ने कहा कि भौतिक युग में समाज, संस्कृति का जो नुकसान हुआ है, उस पर मनन करने की जरूरत है, पर वर्तमान में स्थिति इसके उलट है। विदेशी भारतीय परंपरा व संस्कृति को जानने के लिए गेरुआ पहनकर भटक रहे हैं, जबकि भारतीय पाश्चात्य संस्कृति की नकल करने में जुटे हैं।
शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री शुक्रवार को बहादराबाद स्थित उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के 12वें स्थापना दिवस व युवा महोत्सव को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अपने पिछड़ेपन पर भाग्य को कोसना बंद करें। संस्कृत भाषा को सम्मान तभी मिलेगा, जब आप इसे पढ़ने में गौरव महसूस करेंगे। इसके पहले उन्होंने कार्यक्रम में तीन घंटे विलंब से आने के लिए क्षमा मांगी।
इसके पूर्व महोत्सव का शुभारंभ नासा वैज्ञानिक व अटल बिहारी बाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल के उनके वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. ओमप्रकाश पाण्डेय व कुलपति पीयूषकांत दीक्षित ने दीप जलाकर किया। नासा वैज्ञानिक डाक्टर ओम प्रकाश पांडेय ने कहा कि युवा वर्ग वरिष्ठजनों के अनुभव से सीख लेकर देश के विकास में जुटे। विश्वविद्यालय के कुलपति पीयूष कांत दीक्षित ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों व अध्ययन पद्धति से परिचित कराया। रजिस्ट्रार गिरीश कुमार अवस्थी ने विवि के भविष्य की योजना पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में जगदगुरु आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी राजराजेश्वराश्रम, गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलपति सुरेंद्र कुमार, प्रोफेसर विष्णु दत्त, नरेश शर्मा, हरजीत ¨सह, कॉलेज के छात्र कल्याण परिषद के अध्यक्ष अनूप बहुखंडी, महासचिव परमेश बिजल्वाण, कोषाध्यक्ष आशीष पोखरियाल, कांग्रेस नेता राव आफाक अली आदि मौजूद रहे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय का 12वां स्थापना दिवस और युवा महोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सराबोर रहा। नीमा और शक्ति सेमवाल ग्रुप ने गढ़वाली नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति दी। डाक्टर अरुण मिश्र ने वैदिक गीत से मुख्य अतिथि का स्वागत कर संस्कृत की परंपरा को आगे बढ़ाया। कुलपति पीयूषकांत दीक्षित ने पूरा संबोधन संस्कृत में देकर संस्कृत भाषा को सम्मान देने के मुख्य अतिथि के वक्तव्य को सार्थक किया। इलाहाबाद के मूल निवासी नासा वैज्ञानिक डॉक्टर ओमप्रकाश पांडेय ने भी संस्कृत और गढ़वाली में संबोधन से सबको हैरत में डाल दिया। शीला रावत, यश नैथानी सहित अन्य छात्रों को उत्कृष्टता के लिए सम्मानित भी किया गया।