चमोली में एक युवक ने पेश की अनूठी मिसाल, जख्मी बछड़े को कंधे पर लादकर पहुंचाया अस्पताल
चमोली के घाट ब्लॉक स्थित कांडई गांव निवासी एक युवक ने जंगल में चट्टान से गिरकर घायल पड़े बछड़े को कंधे पर ढोकर तीन किमी दूर स्थित पशु चिकित्सालय पहुंचाया।
गोपेश्वर (चमोली), जेएनएन। चमोली जिले के घाट ब्लॉक स्थित कांडई गांव निवासी युवा नवीन रावत ने गोरक्षा की अनूठी मिसाल पेश की है। नवीन ने जंगल में चट्टान से गिरकर घायल पड़े बछड़े को पहले तो कंधे पर ढोकर तीन किमी दूर स्थित पशु चिकित्सालय पहुंचाया। लेकिन, जब बछड़े को वहां उपचार नहीं मिला तो स्थानीय निवासियों की मदद से छह हजार रुपये में टैक्सी बुक कराकर उसे देहरादून ले गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, युवक नवीन रावत अपने गांव कांडई से ननिहाल पगना गए हुए थे। गुरुवार को कांडई वापस लौटते हुए उन्हें जंगल के मध्य क्वेलाख तोक में घायल पड़ा एक बछड़ा दिखाई दिया, जो चट्टान से गिर गया था। नवीन रावत ने बताया कि यह बछड़ा कांडई गांव के ही एक व्यक्ति का है और बीते दो सप्ताह से जंगल में घायल पड़ा हुआ था। बछड़े की स्थिति देख नवीन रावत ने उसका इलाज कराने का निर्णय लिया और फिर उसे कंधे पर लादकर तीन किमी दूर घाट स्थित पशु चिकित्सालय पहुंचाया।
नवीन के अनुसार पशु चिकित्सालय के कर्मचारी खिलाफ सिंह ने बछड़े की जांच कर बताया कि उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई है, इसलिए पंतनगर या देहरादून में ही उसका इलाज हो सकता है। बताया कि इस पर उन्होंने अपने परिचितों से चर्चा की तो नौना गांव के भगवती प्रसाद गौड़ ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए। इसके बाद वह छह हजार रुपये में टैक्सी बुक कराकर बछड़े को देहरादून ले गए।
शाम को देहरादून से फोन पर नवीन ने बताया कि हालांकि, रायपुर पशु चिकित्सालय में बछड़े का इलाज शुरू हो गया है। लेकिन, स्थिति गंभीर होने के कारण उसे हरियाणा स्थित हायर सेंटर ले जाने पर भी विचार हो रहा है। चिकित्साधिकारी के अनुसार कमर की हड्डी टूटने के कारण बछड़ा चल नहीं पा रहा है।