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दुर्गा के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा कर मांगी मन्‍नत

कोरोना के बढ़ते मामलों का असर चैत्र भक्तों पर भी दिखने लगा है। तीसरे दिन बेहद कम संख्या में भक्त मंदिर पहुंचे। उन्होंने घर पर ही मां की उपासना की। बीते दो दिनों के मुकाबले गुरुवार को मां के दरबार में कम श्रद्धालु नजर आए।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 04:45 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 09:47 PM (IST)
दुर्गा के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा कर मांगी मन्‍नत
गुरुवार को मां के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा कर श्रद्धालुओं ने सुख शांति की मन्‍नत मांगी।

जागरण संवाददाता, देहरादून: कोरोना के बढ़ते मामलों का असर चैत्र भक्तों पर भी दिखने लगा है। तीसरे दिन बेहद कम संख्या में भक्त मंदिर पहुंचे। उन्होंने घर पर ही मां की उपासना की। बीते दो दिनों के मुकाबले गुरुवार को मां के दरबार में कम श्रद्धालु नजर आए। श्रद्धालुओं ने घर पर ही रहकर मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। गढ़ी कैंट स्थित प्राचीन टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत कृष्णा गिरी महाराज ने श्रद्धालुओं से शारीरिक दूरी व मास्क लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि नवरात्र के तीसरे दिन कम श्रद्धालु आए। वहीं, आराघर स्थित श्री लक्ष्मी नारायण पंचमुखी हनुमान मंदिर के ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु प्रसाद भट्ट ने बताया कि बीते दो दिनों की तुलना में गुरुवार को कम श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। ज्यादातर श्रद्धालुओं ने फोन पर ही पूजा की विधि समझकर घर पर आराधना की। उन्होंने कहा कि मान्यता अनुसार माता के ललाट पर घंटे के आकार का अद्र्धचंद्र विराजमान है, इसलिए माता को चंद्रघंटा के नाम से पुकारा जाता है। माता ने असुरों का नाश करने के लिए इस रूप को धारण किया था।

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आज होगी मां कूष्मांडा की पूजा

नवरात्र के चौथे दिन शुक्रवार यानि आज मां कूष्मांडा का पूजा होगी। ज्योतिषाचार्य आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी कूष्मांडा ने ही इस सृष्टि की रचना की थी। इसी के चलते इन्हेंं सृष्टि की आदिस्वरूपा और आदिशक्ति भी कहा जाता है। मान्यता है कि शुरुआत में हर ओर अंधेरा व्याप्त था। तब देवी ने ब्रह्मांड की रचना अपनी मंद हंसी से की थी। अष्टभुजा देवी अपने हाथों में धनुष, बाण, कमल-पुष्प, कमंडल, जप माला, चक्र, गदा और अमृत से भरपूर कलश रखती हैं।

ब्राह्मणों ने किया मां दुर्गा का पाठ 

मां कालिका मंदिर में चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन 27 ब्राह्मणों ने मां दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। सुबह मां ब्रह्मचारिणी के अभिषेक और भव्य शृंगार के बाद मंदिर के पुजारी चंद्र प्रकाश ममगाईं ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर विश्व शांति की कामना की।

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मंदिर समिति के मंत्री अशोक लांबा ने कहा कि रामनवमी तक 27 ब्राह्मणों की ओर से दुर्गा सप्तशती का पाठ सुबह और शाम किया जाएगा। जबकि सिंदुरिया हनुमान मंदिर में रामचरित मानस का पाठ भी किया जा रहा है। इस अवसर पर समिति के ट्रस्टी रमेश साहनी, दयाल धवन, जय किशन कक्कर, नरेश मैनी, उमेश मिनोचा, विजय अरोरा, सतीश मेहता, शैंकी डोरा, उमेश मारवाह आदि मौजूद रहे। 

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