उत्तराखंड में वित्तीय प्रबंधन को मजबूत बनाने को विश्व बैंक से करार
प्रदेश की आर्थिक रूपरेखा राजकोषीय नीति व ऋण प्रबंधन को मजबूत करने के लिए उत्तराखंड सरकार विश्व बैंक की मदद से आगे कदम बढ़ाएगी।
By Edited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 10:52 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 03:49 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश की आर्थिक रूपरेखा, राजकोषीय नीति और ऋण प्रबंधन को मजबूत करने के लिए उत्तराखंड सरकार विश्व बैंक की मदद से आगे कदम बढ़ाएगी। उत्तराखंड लोक वित्तीय प्रबंधन सुदृढ़ीकरण परियोजना (यूकेपीएफएमएस) के तहत विश्व बैंक इसके लिए प्रदेश सरकार को 31.58 मिलियन डॉलर का ऋण दे रहा है। नई दिल्ली में विश्व बैंक और उत्तराखंड सरकार के प्रतिनिधियों के बीच ऋण समझौते पर हस्ताक्षर हुए। यूकेपीएफएमएस की अवधि पांच वर्ष की है।
केंद्र से जारी होने वाली आर्थिक सहायता का उपयोग पूरी पारदर्शिता से करने और निकायों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से यूकेपीएफएमएस शुरू की गई है। इसमें पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर हर चरण की जानकारी सर्वसुलभ किया जाएगा। वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने के लिए ऑनलाइन माध्यम से विभिन्न भुगतानों पर आंतरिक नियंत्रण, महालेखाकार को ऑनलाइन माध्यम से लेख और आंकड़े भेजने के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारियों के सेवा अभिलेखों का डिजिटाइजेशन किया जाएगा।
इसके साथ ही बजट की सूचनाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और ऋण प्रबंधन के लिए सॉफ्टवेयर भी विकसित होंगे। राजस्व प्रबंधन को मजबूत करने के लिए शहरी विकास, स्थानीय निकाय और सार्वजनिक निगमों में वित्तीय विवरण ऑनलाइन किए जाएंगे। यह माना गया है कि यह परियोजना राज्य की वित्तीय व्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही राज्य में आय के स्रोत को बढ़ाने में सहायक बनेगी।
इसके लिए विभागों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। परियोजना के अंतर्गत लेखा परीक्षा विभाग को मजबूत करने के लिए इसके मैनुअल का सृजन और प्रशिक्षण दिया जाएगा। अपर सचिव आर्थिक मंत्रालय भारत सरकार के अपर सचिव समीर कुमार खरे की उपस्थिति में उत्तराखंड की ओर से अपर सचिव सविन बंसल और विश्व बैंक की ओर से कार्यकारी कंट्री डायरेक्टर शंकर लाल ने हस्ताक्षर किए।
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