World Red Cross Day: जागरूकता से लेकर जरूरतमंदों की रेडक्रॉस करता है मदद, जानिए क्यों मनाते हैं ये दिवस
रेडक्रॉस की टीम बिना किसी भेदभाव के सहायता को तत्पर रहती है। कोरोनाकाल में भी उसका यही जज्बा बरकरार है।
देहरादून, जेएनएन। रेडक्रॉस एक ऐसा संगठन है, जो हर आपात स्थिति में मदद करता है। प्राकृतिक आपदा आए या कोई और इमरजेंसी, रेडक्रॉस की टीम बिना किसी भेदभाव के सहायता को तत्पर रहती है। कोरोनाकाल में भी उसका यही जज्बा बरकरार है। जागरूकता से लेकर जरूरतमंदों की मदद तक, ये संस्था महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
कोरोना के खिलाफ जंग में रेडक्रॉस सोसायटी अपने 512 स्वयंसेवियों के साथ शुरू से ही मोर्चा संभाले हुए है। लॉकडाउन में दैनिक मजदूरों, निर्धन और असहाय लोगों तक मदद पहुंचाने का बीड़ा भी उठाया है। इस मुहिम के तहत न केवल राशन किट, बल्कि साधनहीन लोगों को भोजन भी कराया जा रहा है। कोरोना के खिलाफ सतर्कता एक बड़ा हथियार है। ऐसे में लोगों को जागरूक करने का काम भी रेडक्रॉस बखूबी कर रही है। लॉकडाउन के दौरान रेडक्रॉस के सदस्य पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
शारीरिक दूरी का पालन कराना हो या लोगों को स्वच्छता का महत्व समझाना, वह पूरी तत्परता के साथ इस काम को कर रहे हैं। साथ ही राशन वितरण और व्यवस्था बनाने में भी पुलिस की मदद कर रहे हैं। यही नहीं लोगों को मास्क, सेनिटाइजर, ग्लब्स, साबुन आदि का भी वितरण किया जा रहा है। रेडक्रॉस खुद तो मोर्चो संभाले ही रही है, इस लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर डटे चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की भी उसे पूरी फिक्र है, जिसके तहत अस्पतालों में पीपीई किट भी प्रदान की गई है। बल्कि बफर जोन में सॢवलांस के काम में भी वह स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग कर रहे हैं।
इसके लिए रेडक्रॉस के स्वयंसेवियों ने अपने खुद के संसाधनों से 30 थर्मल स्कैनर का बंदोबस्त किया है। रेडक्रॉस का काम यहीं खत्म नहीं होता। लॉकडाउन के कारण इस वक्त ब्लड बैंकों में खून की कमी हो गई है। ऐसे में अपने सामाजिक दायित्व के तहत रेडक्रॉस के स्वयंसेवी लगातार रक्तदान कर रहे हैं। बल्कि विश्व रेडक्रॉस दिवस भी वह रक्तदान करके ही मनाएंगे।
कोरोना के खिलाफ जंग में जुटे योद्धा
- 512 रेडक्रॉस स्वयंसेवी काम कर रहे हैं प्रदेश में
- 18 हजार मास्क अभी तक वितरित कर चुके स्वयंसेवी
- 3.5 हजार मास्क खुद बनाकर लोगों को बांट चुके
- 08 हजार ग्लब्स और तीन हजार सेनिटाइजर भी बांटे
- 2050 पीपीई किट दी जा चुकीं कोरोना योद्धाओं के लिए
- - 750 यूनिट रक्तदान कर चुके हैं रेडक्रॉस स्वयंसेवी
- 15 हजार राशन किट बांटी, बीस हजार को कराया भोजन
रेडक्रॉस के महासचिव डॉ. एमएस अंसारी का कहना है कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए रेडक्रॉस पूरी निष्ठा व तत्परता के साथ कार्य कर रही है। जागरूकता कार्य से लेकर जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा रक्तदान भी नियमित रूप से किया जा रहा है। बल्कि रेडक्रॉस के वालंटियर्स ने कोरोना संबंधी प्रशिक्षण भी हासिल किय है। ताकि आवश्यकता पडऩे पर और सक्रियता के साथ कार्य किया जाए।
क्यों मनाते हैं अतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस
प्रतिवर्ष आठ मई को रेडक्रॉस के जनक हेनरी डिनैंट के जन्मदिन पर ही रेडक्रॉस दिवस मनाया जाता है। वैश्विक स्तर पर रेडक्रॉस सोसायटी की स्थापना वर्ष 1863 में हुई थी। इसका उद्देश्य युद्ध में घायल व बीमार हुए लोगों को मदद करना था। इसके बाद वर्ष 1920 में इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी का भी गठन हुआ। यह एक मानवतावादी संगठन है, जिसकी देशभर में सात सौ से अधिक शाखाएं हैं। रेडक्रॉस सोसायटी से जुड़े स्वयंसेवी आपदा अथवा आपातकाल के दौरान जरूरतमंद लोगों को मदद के लिए हाथ बढ़ाते हैं।
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रेडक्रॉस के 100 साल पूरे होने पर रक्तदान शिविर
इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के 100 साल पूरे होने के अवसर पर शुक्रवार को स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिला रेडक्रॉस सोसायटी व दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाले रक्तदान शिविर को प्रशासन से अनुमति मिल गई है। जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्य मोहन खत्री ने बताया कि शिविर का आयोजन मालसी-सिनौला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में किया जाएगा। लोगों से छोटे समूह में आकर रक्तदान की अपील की गई है। ताकि शारीरिक दूरी का उल्लंघन न हो।
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