World diabetes awareness day: संयम से पाई मधुमेह पर विजय, कोरोना को भी हराया
अनुशासन एक ऐसा गुण है जिसे मधुमेह होने पर विकसित किया जाना चाहिए। स्वस्थ भोजन का चुनाव करने से लेकर समय पर दवा लेने तक एक मधुमेह रोगी के जीवन में निरंतर देखभाल और ध्यान की बहुत आवश्यकता होती है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। अनुशासन एक ऐसा गुण है, जिसे मधुमेह होने पर विकसित किया जाना चाहिए। स्वस्थ भोजन का चुनाव करने से लेकर समय पर दवा लेने तक, एक मधुमेह रोगी के जीवन में निरंतर देखभाल और ध्यान की बहुत आवश्यकता होती है। मधुमेह से पीडि़त व्यक्ति को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और यही कारण रहा कि ऐसे लोग बड़ी संख्या में कोरोना की चपेट में आए। समस्या यहीं खत्म नहीं होती। अत्यधिक स्टेरायड ने भी उनका ब्लड शुगर बढ़ा दिया। कोरोना से रिकवर होने के कई दिन बाद तक भी वह इस समस्या से जूझते रहे। पर खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव कर उन्होंने समस्या से पार पा लिया। वहीं मधुमेह पीड़ित कई कोरोना योद्धा संक्रमण के खतरे के बीच अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते रहे। कोरोना संक्रमित होने के बाद वह फिर पूरे जोश के साथ ड्यूटी पर लौट आए।
साफ्टवेयर इंजीनियर राहुल भंडारी का कहना है कि मैं 25 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुआ। शुगर की समस्या मुझे पहले से थी। एक बारगी स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। आक्सीजन का स्तर भी 80 से नीचे पहुंच गया था। जिस पर मुझे रेमडेसिवीर थेरेपी भी दी गई। कोरोना ठीक होने के बाद मुझे लगा कि अब सब ठीक होगा, पर शुगर अनियंत्रित हो गया। एक बारगी स्थिति यह थी कि शुगर लेवल 400 तक पहुंच गया था। जिस पर मैने संकल्प लिया कि इस मुश्किल से खुद ही पार पाना है। पिछले काफी वक्त से सुबह की दौड़, योग आदि मेरी दिनचर्या का हिस्सा बन गए हैं। इसके अलावा खानपान भी बहुत संयमित रखा है। शुगर नियंत्रित है और अब पूरी तरह स्वस्थ महसूस कर रहा हूं।
दून अस्पताल के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनएस खत्री ने बताया कि मधुमेह में मुश्किल टास्क शुगर नियंत्रित करना होता है।खानपान व जीवनशैली में संतुलन के जरिए यह मुमकिन है। मुझे भी शुगर की समस्या रही है, पर संयमित खानपान व अनुशासित दिनचर्या के कारण कभी कोई बड़ी समस्या नहीं हुई। दूसरी लहर के दौरान मैं भी संक्रमित हो गया था। कोविड निमोनिया की भी शिकायत थी और नौ दिन तक अस्पताल में भर्ती रहा। पर शुगर अनियंत्रित होने जैसी समस्या नहीं आई। इसके लिए यही कहूंगा कि घबराएं नहीं बिल्क अनुशासित होकर जीवन यापन करें। सही दिनचर्या का पालन, उचित खानपान और मीठे चीजों से परहेज जरूरी है। इसी स्वस्थ जीवनशैली के बूते मैने न केवल शुगर बल्कि कोरोना को भी मात दी है।
सीनियर रेडियोग्राफर सहदेव वर्मा ने बताया कि मुझे अप्रैल में कोरोना हुआ था, जिसके बाद मैं काफी वक्त तक होम आइसोलेशन में रहा। घर पर ही दवा ली और खानपान आदि संयमित रखा। यहां यह बताना जरूरी है कि मुझे शुगर की भी समस्या है। पर यह जान लें कि मधुमेह के उपचार में आपकी खुद की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस रोग के नियंत्रण की सफलता व असफलता आप पर ही निर्भर करती है। यदि व्यक्ति अपने आहार, दिनचर्या, वजन आदि पर नियंत्रण रखता है तो शुगर भी नियंत्रित रहता है। मैने भी यही जीवनशैली अपनाई और बीमारी को खुद पर हावी नहीं होने दिया, जिससे शुगर की समस्या होने के बावजूद कोरोना से पार पा ली।
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