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निर्माण इकाई के कारण राज्य को नहीं मिला राजस्व लाभ, पढ़ि‍ए पूरी खबर

राज्य की निर्माण इकाइयों के निर्यात उन्मुख होने के कारण बढ़े हुए राजस्व का लाभ राज्य को नहीं मिल पाया।

By Edited By: Published: Fri, 01 Mar 2019 07:22 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 09:06 PM (IST)
निर्माण इकाई के कारण राज्य को नहीं मिला राजस्व लाभ, पढ़ि‍ए पूरी खबर
निर्माण इकाई के कारण राज्य को नहीं मिला राजस्व लाभ, पढ़ि‍ए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि जीएसटी आधारित नवीन कर प्रणाली को लागू करने के बाद प्रदेश में 90 फीसद राजस्व वृद्धि हुई, लेकिन राज्य की निर्माण इकाइयों के निर्यात उन्मुख होने के कारण इस बढ़े हुए राजस्व का लाभ राज्य को नहीं मिल पाया। 

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शुक्रवार को राज्य कर विभाग में जीएसटी पर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि आगामी एक अप्रैल 2019 से सेवा क्षेत्र में 50 लाख तक के सालाना टर्नओवर तक के कारोबारियों के लिए आरंभ की गई समाधान योजना से राजस्व बढ़ाने में काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने केंद्रीय जीएसटी व उद्योग एवं व्यापार वर्ग के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार का फोकस सेवा क्षेत्र है। इस क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के लिए प्रमुख रूप से पर्यटन, स्वास्थ्य एवं डिजिटल सेवा क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। 

पिछले वर्ष प्रथम इनवेंस्टर समिट का आयोजन भी इन्हीं बिदुओं को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित रहा। एकल खिड़की सुविधा के तहत राज्य में निवेश को और सरल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आबादी करीब सवा करोड़ है और तीन करोड़ पर्यटक प्रतिवर्ष उत्तराखंड आते हैं। इसलिए सेवा क्षेत्र में नए स्रोत को तलाशने की जरूरत है। इसे देखते हुए सेवा क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों व व्यापारियों को जागरूक करने एवं उन्हें जीएसटी की समुचित जानकारी देने के लिए समय-समय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। 

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में उत्तराखंड हिमालयी राज्य में प्रथम स्थान पर है। सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए लैंड यूज कन्वर्जन की प्रक्रिया को सरलीकृत किया गया है, ताकि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में उत्तराखंड देश में अग्रणी स्थान प्राप्त कर सके। जीएसटी को एक नई शुरुआत बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य कर विभाग के अधिकारियों विशेषकर मास्टर ट्रेनर्स का जीएसटी को लागू करने में सराहनीय योगदान रहा। पर्यटन, ऑनलाइन सर्विसेज अहम क्षेत्र

कार्यशाला के प्रमुख वक्ता प्रख्यात चार्टेड अकाउंटेंट विमल जैन ने उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में पर्यटन, ऑनलाइन सर्विसेज, प्रस्तावित कम्पोजिशन योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही राज्य के बाहर से आयात किए जाने वाले माल से राज्य को आइजीएसटी के माध्यम से प्राप्त होने वाले एसजीएसटी व जीएसटी की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। वित्त सचिव अमित नेगी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए राजस्व बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रयासों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर राजस्व विभाग के अपर आयुक्त (विशेष वेतनमान) पीयुष कुमार, अपर आयुक्त विपिन चंद्रा, नरसिंह दताल, संयुक्त आयुक्त राकेश वर्मा, केंद्रीय जीएसटी विभाग के ज्वांइट कमिश्नर अमित गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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