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शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी: प्रो. मेलकानी

जागरण संवाददाता, विकासनगर : उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. बीसी मेलकानी ने कहा कि वर्तमान समय में

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 07:53 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 07:53 PM (IST)
शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी: प्रो. मेलकानी
शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी: प्रो. मेलकानी

जागरण संवाददाता, विकासनगर : उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. बीसी मेलकानी ने कहा कि वर्तमान समय में वही शिक्षण संस्थान अपने आप को स्थापित कर सकता है, जो क्वालिटी एजुकेशन देता हो। परंतु कौन सा शिक्षण संस्थान क्वालिटी एजुकेशन देता है, इसका निर्धारण नैक के मानक तय करते हैं।

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मंगलवार को वीर शहीद केसरी चंद्र राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता, शिक्षा के निरंतर मूल्यांकन एवं शिक्षा में आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चय की भूमिका विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के पहले दिन बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए प्रो. मेलकानी ने कहा कि प्रत्येक महाविद्यालय को नैक करवाना अनिवार्य है, ताकि प्रत्येक संस्थान क्वालिटी एजुकेशन दे सके। कहा कि क्वालिटी एजुकेशन पर जोर दिया जाना चाहिए। करीब चार दशक पहले की स्थिति ये थी कि उच्च शिक्षा में कम लोग जाते थे, जो क्वालिटी के मामले में अच्छे थे। पहले स्कूल कॉलेज कम थे, पर शिक्षा की गुणवत्ता ठीक थी। उच्च शिक्षा लेने वालों की संख्या बढ़ी, लेकिन शिक्षा का स्तर गिरा है। शिक्षा का स्तर गिरने की जिम्मेदारी से प्राध्यापक व प्राचार्य बच नहीं सकते। पाठ्यक्रम आवश्यकता के अनुसार ही बनाया जाना चाहिए। कार्यशाला में निकले निष्कर्ष पर अमल भी जरूरी है। विशिष्ट अतिथि के रूप में विकासनगर विधायक मुन्ना ¨सह चौहान ने कहा कि यह मध्य उत्तर प्रदेश के समय का बना हुआ महाविद्यालय है और आज बहुत अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ खड़ा है, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है। कॉलेज प्राचार्य डॉ. केएल बिष्ट ने कहा कि जिन महाविद्यालयों को छह वर्ष हो चुके हैं, उन्हें नैक करवाना अनिवार्य है और नैक के लिए प्राचार्य द्वारा गठित एसएसआर कमेटी के कार्यों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए एक दूसरी कमेटी का होना आवश्यक है, जिससे महाविद्यालय का यथावत मूल्यांकन हो सके। इसके साथ ही कॉलेज में गठित कमेटी द्वारा किया गया हर कार्य का प्रमाण कमेटी के पास होना चाहिए। महाविद्यालय का विधिवत रिकॉर्ड होना चाहिए। आयोजन सचिव डॉ. आरके जोशी ने कहा कि इस कार्यशाला का बेसिक उद्देश्य नैक के प्रति महाविद्यालयों को जागरूक करना है। कार्यशाला में प्राध्यापक डॉ. कामना लोहानी की किताब एजुकेशन पॉलिसी ऑफ लॉर्ड क्रजन एंड इट्स इंपेक्ट अपान इंडिया का विमोचन किया गया। टेक्निकल सेशन में गांधी मेमोरियल नेशनल कॉलेज अंबाला कैंट के प्राचार्य डॉ. राजपाल ¨सह ने 21वीं सदी में शिक्षा की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा को व‌र्ल्ड क्लास संस्थान बनाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने इनोवेशन रिसर्च को प्रमोट करने और ई लर्निंग पर जोर दिया। कार्यशाला में डॉ. वीरेंद्र जोशी, आरएस असवाल, डॉ. आशुतोष, डॉ. प्रभात द्विवेदी, डॉ. राजकुमारी भंडारी, डॉ. राकेश मोहन नौटियाल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद बडोनी, अमित गुप्ता, डॉ. पूजा पालीवाल, डॉ. निरंजन प्रजापति, डॉ. माधुरी रावत, डॉ. आराधना भंडारी, डॉ. विनोद रावत, डॉ. योगेश भट्ट, भावना गर्ग, रीना ठाकुर, रूचि बहुखंडी, रेखा रौथाण आदि मौजूद रहे।


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