सहयोग से समाधान: जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार दिलाकर तेजी से उभरा काम
लॉकडाउन से बंद पड़े काम से हर क्षेत्र प्रभावित रहा लेकिन अब अनलॉक के बाद काम का पहिया आगे की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आइ डिजाइन स्पेसेज कंपनी ने जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार देने के साथ ही इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अपने काम को आगे बढ़ाया।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बाद लॉकडाउन से बंद पड़े काम से हर क्षेत्र प्रभावित रहा, लेकिन अब अनलॉक के बाद काम का पहिया आगे की ओर तेजी से बढ़ रहा है। 'आइ डिजाइन स्पेसेज' कंपनी ने जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार देने के साथ ही इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अपने काम को आगे बढ़ाया। लॉकडाउन में कंपनी का फेसबुक, यूट्यूब पर प्रचार-प्रसार करने के साथ ही कर्मचारियों का भी पूरा साथ मिला। परिणाम यह रहा कि वर्तमान में कंपनी का काम पहले की तरह रफ्तार पकड़ चुका है। हर एक उत्पाद की मांग के साथ ही महिलाओं को रोजगार दिलाया जा रहा है।
तीन साल पहले शुरू किया काम
कंपनी की संस्थापक अंकिता गुप्ता ने वर्ष 2017 में दो महिलाओं के साथ इंदर रोड डालनवाला में काम शुरू किया। इसमें इंटीयर डिजाइन, फर्नीशिंग वर्क, मास्क प्रोडक्शन, लोकल हैंडलूम बैडिंग सीट आदि बनाने का काम किया। प्रचार करने के लिए सोशल मीडिया का माध्यम लिया गया। अधिकाधिक मांग आने के साथ ही अन्य महिलाओं को भी काम दिया गया। वर्तमान में पांच महिलाएं कंपनी में कार्य करती हैं। संस्थापक अंकिता गुप्ता बताती हैं कि काम बढ़ने के साथ ही अन्य महिलाओं को भी रोजगार दिलाने पर विचार किया जा रहा है।
अबतक 20 हजार से अधिक मास्क बनाए
कंपनी की संस्थापक अंकिता गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन के पहले दो महिने में काम बंद रहा, लेकिन इसके बाद धीरे धीरे काम खुलना शुरू हुआ। इस दौरान मास्क बनाने का काम मिला तो सभी इसे बनाने में लगे। अबतक विभिन्न जगहों से मांग के अनुसार 20 हजार से अधिक मास्क तैयार कर उनतक भेज चुके हैं। मास्क बनाने की प्रक्रिया गतिमान है। आगे भी कई ऑर्डर मिल रहे हैं।
(अंकिता गुप्ता, संस्थापक, 'आइ डिजाइन स्पेसेज' )
समाधान-1: किसी भी महिला को काम से नहीं निकाला
लॉकडाउन के बाद काम शुरू होने के साथ ही जितना भी काम मिला महिलाओं को दिया गया। कंपनी ने महिलाओं के वेतन में कुछ कटौती की, लेकिन किसी भी महिला को काम से नहीं निकाला। कंपनी की संस्थापक अंकिता गुप्ता ने बताया कि यह ऐसा समय है जब लोग बेरोजगार हो रहे हैं, लेकिन महिलाओं की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनको काम दिया गया। अब विभिन्न उत्पादों की मांग बढ़ने के साथ ही उन्हें पूरा वेतन दिया जा रहा है।
समाधान-2: दी गई होम डिलीवरी की सुविधा
लॉकडाउन में जिन ग्राहकों को छोटा सामान भी चाहिए था, उनको कर्मचारियों के माध्यम से होम डिलीवरी और ऑनलाइन की सुविधा उपलब्ध कराई गई। कई पुराने ग्राहकों के सामने आर्थिक समस्या थी तो उसका भी ख्याल रखा गया। इससे ग्राहक भी ज्यादा संख्या में जुड़ते रहे।
समाधान-3: लॉकडाउन में बढ़ी चुनौतियां
अंकिता गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन में काम न मिलने से चुनौती बढ़ गई थी, लेकिन उन्हें कर्मचारियों का भी पूरा साथ मिला। काम कम मिलने के बाद भी ग्राहकों को अधिकाधिक जोडऩे के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। इसमें सभी उत्पादों की खासियत और उनतक पहुंचाने की व्यवस्था आदि के बारे में भी जानकारी दी गई। इससे मांग बढ़ने लगी। वर्तमान में काम बढ़ने के पीछे यह भी एक खास वजह रही।
कोविड-19 की गाइडलाइन का किया पूरा पालन
कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन जो सभी सामान तैयार किया जा रहा है, उस पर विशेष ध्यान रखा गया। महिलाएं अलग अलग जगह बैठकर मास्क, ग्लब्स लगाकर ही कार्य करती हैं। जिन ग्राहकों की मांग आती है उन्हें भी कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करने का कार्य किया जाता है। कई ग्राहकों को मास्क भी बांटे जाते हैं।
ग्राहकों के साथ मधुर संबंध
ऑर्डर देने वाले ग्राहकों को उनका सामान बेहतर तरीके से तैयार करने का भरोसा दिलाया जाता है। ग्राहक के मन में अगर इसके बाद भी कोई शंका होती है तो उसे बातचीत कर दूर करने की कोशिश की जाती है। इससे ग्राहक का भरोसा हमेश रहता है और वह अन्य व्यक्तियों से भी इसकी चर्चा करता है। कंपनी का फोकस अधिकाधिक ग्राहकों को भरोसा दिलाकर जोड़ने पर रहता है।
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मनस्वनी संस्था का भी रहता है पूरा सहयोग
कंपनी की संस्थापक अंकिता गुप्ता ने बताया कि उनकी मनस्वती नाम से सामाजिक संस्था है, जो जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए कार्य करती है। इस संस्था के माध्यम से भी कंपनी को काफी सहयोग मिलता है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
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