डीएनए मामले में महिला फिर बाल आयोग में नहीं हुई पेश, अब आयोग जारी करेगा नया आदेश
विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला नवजात का गैरकानूनी तरीके से डीएनए टेस्ट कराने के मामले में बार-बार बाल आयोग के आदेश की अवहेलना कर रही है। आयोग ने इस संबंध में महिला को अपना पक्ष रखने के लिए शनिवार को चौथी बार बुलाया था।
देहरादून, जेएनएन। विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला नवजात का गैरकानूनी तरीके से डीएनए टेस्ट कराने के मामले में बार-बार बाल आयोग के आदेश की अवहेलना कर रही है। आयोग ने इस संबंध में महिला को अपना पक्ष रखने के लिए शनिवार को चौथी बार बुलाया था। लेकिन, इस बार भी महिला आयोग के समक्ष पेश नहीं हुई। अब इस संबंध में आयोग सोमवार को नया आदेश जारी करेगा।
महिला ने विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगाने के साथ उन्हें अपनी बच्ची का पिता बताया था। इसके पीछे उसने बच्ची की डीएनए रिपोर्ट का हवाला दिया था। इसपर बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के पूर्व सदस्य हरि सिंह नेगी ने बाल आयोग में शिकायत की कि महिला ने गैरकानूनी तरीके से नवजात का डीएनए टेस्ट करवाया है। इसका संज्ञान लेते हुए आयोग ने पुलिस को जांच का निर्देश दिया। पुलिस को शामली के जिस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्ची का जन्म हुआ था, वहां के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि नवजात का डीएनए सैंपल अस्पताल की ओर से निर्धारित की गई कमेटी ने जांच के लिए नहीं भेजा।
बाल आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया कि इसके बाद सितंबर प्रथम सप्ताह में महिला को समन भेजा गया। इसमें उसे 19 सितंबर को अपना पक्ष रखने के लिए आयोग के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया। हालांकि, महिला तय तिथि पर आयोग नहीं पहुंची। इस पर उसे दोबारा समन भेजकर 27 सितंबर को पक्ष रखने के लिए निर्देशित किया गया। इसके बाद 10 नवंबर को पेश होने का समन भेजा गया। इस बार महिला ने पत्र लिखकर आयोग को बताया कि विधायक प्रकरण में वह घटनास्थलों का निरीक्षण कराने के लिए जांच अधिकारी के साथ है। इस कारण अभी आयोग में पक्ष रखने में असमर्थ है। ऐसे में उसे नोटिस भेजकर 28 नवंबर की तिथि दी गई।