दो दिन तक मलबे में दबी रही यह महिला, ऐसे बची जान...
भारतीय सेना के असम राइफल्स रेजिमेंट के जवानों ने पिथौरागढ़ के आपदा प्रभावित गांव बस्तडी से मलबे में घर के अंदर में दबी एक महिला को सुरक्षित जिंदा निकाला।
देहरादन। पिथौरागढ़ में आई दैवीय आपदा के बाद दो दिन तक घर के अंदर मलबे में दबी एक महिला को असम राइफल्स रेजिमेंट के जवानों ने रेस्क्यू कर जिंदा बाहर निकाला।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, पिथौरागढ़ के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी आरएस राणा ने बताया कि पिथौरागढ़ के बस्तडी गांव में आपदा में एक महिला अपने घर के अंदर मलबे में दब गई थी। सेना के जवानों ने लंबे रेस्क्यू आपरेशन के बाद महिला को सुरक्षित जिंदा बाहर निकाला। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शनिवार को सेना द्वारा किया गया रेस्क्यू आपरेशन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसे लोगों ने खुब लाइक किया। इस वीडियो को भारतीय सेना ने अपनी फेसबुक में भी पोस्ट किया, जो रविवार शाम तक 2,13,000 से भी ज्याद देखा गया।
गौरतलब है कि आपदा प्रभावित पिथौरागढ़ और चमोली जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ), स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) और भारतीय सेना लगातार रेस्क्यू आपरेशन चला रही है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी के अनुसार, पिथौरागढ़ जिले में 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन लोगों का शव चमोली जनपद के घाट क्षेत्र से बरामद किया गया। अब तक कुल 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 17 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
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देहरादून में आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव (प्रभारी) शैलेश बगोली ने पत्रकार वार्ता में बतया कि गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को एयरलिफ्ट कर पिथौरागढ़ लाया गया, जबकि अन्य एक व्यक्ति का आइटीबी के डीडीहाट के मिर्थि स्थित अस्पताल में उपचार चल रहा है।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित 160 परिवारों को राहत शिविर में रखा गया है। वहीं, 164 पशुओं के मरने की भी सूचना है। बगोली ने कहा कि एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीम डॉग स्क्वाड के साथ पिथौरागढ़ भेजी जा रही है, जो मलबे में दबे लोगों को खोजने में मदद करेगी।
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एक जुलाई को बादल फटने के बाद 979 गांव की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई थी। रविवार तक 333 गांव में बिजली आपूर्ति सुचारु कर दी गई है, जबकि 646 गांव में अभी अंधेरा ही है।
राज्य में मूसलधार बारिश और भूस्खलन से 79 पेयजल लाइन को क्षतिग्रस्त हो गई थी। सबसे ज्यादा नुकसान चमोली जनपद में हुआ है। 13 क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन को ठीक कर दिया गया है, जबकि 66 पेयजल लाइन को ठीक करने का काम जारी है।