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पहले बिना रेरा पंजीकरण फ्लैट की बुकिंग ली, अब बिल्डर गायब Dehradun News

रेरा में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक बिल्डर ने रेरा में पंजीकरण कराए बिना फ्लैट की बुकिंग शुरू कर दी जबकि मौके पर कोई निर्माण भी शुरू नहीं किया गया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 05:05 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 05:05 PM (IST)
पहले बिना रेरा पंजीकरण फ्लैट की बुकिंग ली, अब बिल्डर गायब Dehradun News
पहले बिना रेरा पंजीकरण फ्लैट की बुकिंग ली, अब बिल्डर गायब Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक बिल्डर ने रेरा में पंजीकरण कराए बिना फ्लैट की बुकिंग शुरू कर दी, जबकि मौके पर कोई निर्माण भी शुरू नहीं किया गया। अब यह मामला निवेशक के माध्यम से रेरा में दाखिल किया गया, तो पता चला कि कंपनी गायब हो गई है। इस मामले में रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार ने हेक्टर रियलिटी वेंचर्स प्रा.लि. को निवेशक के 28.71 लाख रुपये 10.15 फीसद ब्याज के साथ लौटाने के आदेश दिए हैं। 

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रेरा के आदेश के अनुसार भोपाल निवासी पुष्पा गुप्ता ने हेक्टर रियलिटी के हरिद्वार में प्रस्तावित मारवेला सिटी नाम की आवासीय परियोजना में फ्लैट बुक कराया था। फरवरी 2017 में बुक कराए गए फ्लैट के लिए बुकिंग राशि के रूप में 7.5 लाख रुपये लिए गए थे। इसके बाद 22 मार्च 2017 को 21.21 लाख रुपये और दिए गए। तय किया गया था कि फ्लैट पर तीन साल के भीतर कब्जा दे दिया जाएगा। 

अनुबंध के मुताबिक बिल्डर को तीन मार्च से फ्लैट पर कब्जा देने तक हर तिमाही में 86.14 हजार रुपये अदा करने थे। न तो फ्लैट का निर्माण किया गया, न ही तिमाही के हिसाब से भुगतान किया गया। इस तरह दिसंबर 2019 तक की 11 तिमाही तक 9.47 लाख रुपये भी बकाया चल रहे हैं। थक हारकर पुष्पा गुप्ता ने रेरा में शिकायत दर्ज की। रेरा की ओर से बिल्डर को उसके हरियाणा स्थित दो पते पर नोटिस भेजे गए। जो कि इस टिप्पणी के साथ वापस आ गए कि बिल्डर का कार्यालय बदल गया है। 

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हालांकि, रेरा के संज्ञान में यह भी आया कि निवेशक की ओर से जिला उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत की गई थी और इसके आदेश के खिलाफ बिल्डर ने उपभोक्ता आयोग में अपील की थी। इस अपील में बिल्डर ने स्वयं हरियाणा का पता दर्ज कराया था। 

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रेरा अध्यक्ष इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि बिल्डर डाक कर्मियों से मिलीभगत कर नोटिस को लौटा रहे हैं। ताकि रेरा के आदेश के खिलाफ उच्चतर न्यायालय/अपीलीय न्यायाधिकरण में यह कहकर आदेश निरस्त कराया जा सके कि उनका पक्ष नहीं सुना गया है। रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार ने बिल्डर को निवेशक की राशि ब्याज सहित लौटाने के साथ ही अनुबंध के अनुसार हर तिमाही देय होने वाली बकाया राशि भी 45 दिन के भीतर अदा करने के आदेश जारी किए। 

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