शोध पत्रों में दिखी देश की नवीन तकनीकी शिक्षा की झलक Dehradun News
डब्ल्यूआइटी में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन विटकॉन-2019 के अंतिम दिन देशभर से 40 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए जिसमें देश की नवीन तकनीकी शिक्षा की झलक दिखी।
देहरादून, जेएनएन। महिला प्रोद्योगिकी संस्थान (डब्ल्यूआइटी) में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन विटकॉन-2019 के अंतिम दिन देशभर से 40 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिसमें देश की नवीन तकनीकी शिक्षा की झलक दिखी। सम्मेलन में तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम पर वक्ताओं ने जोर दिया।
शनिवार को तीन सत्रों में 40 शोध पत्रों को शोधार्थियों ने प्रस्तुत किया। प्रत्येक सत्र में विशिष्ट विषय विशेषज्ञ और अन्य शोधार्थियों ने प्रस्तुति देने वाले शोधकर्ता से उनके किए हुए शोध पर प्रश्न किए, जिनके उत्तर शोधकर्ताओं ने बहुत सहजता से दिए। समापन समारोह में शोधार्थियों को विशिष्ट अतिथि आस्ट्रेलिया स्थित विक्टोरिया यूनिवर्सिटी के सहायक प्रो. अख्तर कलाम और डब्ल्यूआइटी की निदेशक डॉ. अलकनंदा अशोक ने प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। डॉ. अलकनंदा अशोक ने सभी शोधार्थियों के शोध को सराहा।
आयोजन समिति के सम्मेलन सचिव केसी मिश्रा और अन्य शिक्षकों के इस सम्मेलन को सफलता से आयोजित करने पर संस्थान की निदेशक ने दो साल बाद फिर इस प्रकार के आयोजन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से शोध में नवीन तकनीकों को जानने समझने से छात्र-छात्राएं लाभान्वित होते हैं। यह शोध पत्र रहे आकर्षण का केंद्र प्रस्तुत किए गए शोध पत्रों में से कुछ शोधपत्र आकर्षण का केंद्र रहे।
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मोनिका गैरोला द्वारा सोलर सेल की क्षमता बढ़ाने पर व्याख्यान दिया गया, जिसे सभी ने सराहा। संदीप पाडे ने नवीनतम तकनीक 5जी वायरलेस सिस्टम के लिए मिलीमीटर डिजाइन पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। ज्योति सैनी और रेखा सैनी ने दक्ष इमेज प्रोसेसिंग पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। रोहित गोस्वामी ने दक्षता वाले कंप्यूटिंग पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत कर आधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल को समझाया। आयुषी जोहरी ने नवीनतम तकनीक आइओटी पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया।
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