वन्य जीवों की सुरक्षा पार्क प्रशासन के लिए चुनौती, राजाजी की गौहरी रेंज से वन्य जीव तस्कर के पकड़े जाने से हड़कंप
राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघ और दूसरे जीवों की अच्छी संख्या में उपस्थिति निश्चित तौर पर रोमांचित करने वाली है लेकिन इनकी सुरक्षा भी कम बड़ी चुनौती नहीं हैपरेशानीपरेशानीपरेशानी। दरअसल जंगलों के आसपास वन्यजीव तस्करों का गिरोह भी सक्रिय है।
संवाद सूत्र, रायवाला। राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघ और दूसरे जीवों की अच्छी संख्या में उपस्थिति निश्चित तौर पर रोमांचित करने वाली है, लेकिन इनकी सुरक्षा भी कम बड़ी चुनौती नहीं हैपरेशानीपरेशानीपरेशानी। दरअसल जंगलों के आसपास वन्यजीव तस्करों का गिरोह भी सक्रिय है। ऐसे में पार्क प्रशासन ने लिए इनकी सुरक्षा किसी चुनौती से कम नहीं है। गत रविवार को एसटीएफ द्वारा गौहरी रेंज के नजदीक गरुड़चट्टी पुल से गुलदार की खाल सहित एक तस्कर को पकड़े जाने से वन महकमे के सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल खुलकर सामने आयी है। खास बात है कि गुलदार का शिकार गोली मारकर किया गया। सूत्रों की माने तो यह शिकार गौहरी रेंज में विंध्यवासिनी के आस-पास हुआ।
राजाजी पार्क से सटे इस एरिया में कई बड़े सफेदपोशों के गेस्ट हाउस बने हुए हैं, जहां कई बाहरी नागरिकों का आना-जाना बना रहता है। पार्क प्रशासन चौकसी के दावे भले करता है लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। आलम यह है कि जंगल की भीतरी चौकियों में तो वन कर्मी रहते ही नहीं है। अब वन्यजीव तस्करों की लगातार सक्रियता ने वन अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। सुरक्षा को लेकर चौकस हुए वन विभाग ने सोमवार को गौहरी रेंज में जंगल की खाक छानी।
पहले भी हो चुकी हैं तस्करी की घटनाएं इससे पहले आठ जुलाई 2014 व अगस्त 2015 में मोतीचूर रेंज में तस्करों के घुसने और वन कर्मियों से मुठभेड़ की घटनाएं हो चुकी हैं। 13 मार्च 2016 को श्यामपुर हरिद्वार में एसटीएफ ने पंजाब के भटिंडा निवासी एक तस्कर को पांच गुलदारों की खाल सहित पकड़ा था। बीते वर्ष 14 जनवरी को चीला-मोतीचूर वन्यजीव गलियारे के पास एक वन्यजीव तस्कर को पकड़ा गया था, उसके दो अन्य साथी भागने में कामयाब रहे। वहीं 23 मार्च 2018 को चीला-मोतीचूर गलियारे के पास दूधियाबन्द बीट में गड्ढे में दबाकर रखी गयी गुलदार की खाल व हड्डियां बरामद की गयी। इस मामले में न केवल तस्कर बल्कि कई बड़े वन अधिकारी भी जांच का सामना कर रहे हैं।
सूरतेहाल में कैसे होगी बाघों की सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता राजाजी पार्क में बढ़ती बाघों की सुरक्षा को लेकर है। हाल ही में कार्बेट से राजाजी पार्क की मोतीचूर रेंज में दो बाघ शिफ्ट किए गए हैं। इन पर तस्करों की नजर होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता। वही जंगल में सक्रिय एक गिरोह से जुड़े लोगों की बस्तियां भी जंगलों के किनारे पनप रही है। हालांकि पार्क निदेशक डीपी सिंह वन्य जीवों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक या लापरवाही की बात से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि पूरे पार्क में सुरक्षा इंतजाम चाक चौबंध हैं।
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