उत्तराखंड में परचून की दुकानों को ढील देने के संकेत, जानिए क्या बोले कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल
प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर भले ही घटी है लेकिन मृत्यु के मामले कम नहीं होने से सरकार के माथे पर बल पड़े हैं। ऐसे में कोविड कर्फ्यू में ढील का दायरा बढ़ाया तो जाएगा लेकिन बड़ी राहत देने की तैयारी नहीं है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर भले ही घटी है, लेकिन मृत्यु के मामले कम नहीं होने से सरकार के माथे पर बल पड़े हैं। ऐसे में कोविड कर्फ्यू में ढील का दायरा बढ़ाया तो जाएगा, लेकिन बड़ी राहत देने की तैयारी नहीं है। बाजार खोलने को लेकर व्यापारियों के दबाव के बावजूद सरकार महामारी की स्थिति की समीक्षा करने के बाद चरणबद्ध तरीके से ही कदम उठाएगी।
कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि कोरोना संकट से निपटना और आम जन की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। महामारी के खिलाफ जंग में किसी तरह के दबाव में नहीं आया जा सकता। अलबत्ता, स्थिति लगातार सुधरने पर परचून की दुकानों को ज्यादा अवधि अथवा नियमित खोलने पर फैसला लिया जाएगा। प्रदेश में बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामले एक हजार से नीचे आए हैं। संक्रमितों की मौत के आंकड़े कम हुए हैं, लेकिन हालत कतई संतोषजनक नहीं हैं। सरकार की चिंता की वजह भी यही है। मृत्यु के मामले में उत्तराखंड की हालत कई बड़े राज्यों की तुलना में ज्यादा खराब है। कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रदेश सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है। व्यापारियों की ओर से बाजार खोलने के लिए बनाए जा रहे दबाव पर उन्होंने टिप्पणी की कि कोरोना से जन सुरक्षा से बढ़कर अभी कुछ नहीं है। स्थिति में सुधार को देखते हुए समीक्षा के बाद राशन समेत अन्य जरूरी सामान की दुकानों को खोलने में रियायतें दी गई हैं। सात जून को मौजूदा स्थिति की व्यापक समीक्षा की जाएगी, इसके बाद ही कोविड कफ्र्यू में ज्यादा ढील देने पर विचार होगा।
यह भी पढ़ें- राहत की बात : उत्तराखंड में 18-44 आयु वर्ग का फिर शुरू होगा टीकाकरण
सुबोध उनियाल ने कहा कि दबाव में आकर सरकार कोई फैसला नहीं करेगी। अलबत्ता, आम जन को होने वाली परेशानी का ध्यान रखा जा रहा है। चरणबद्ध तरीके से दुकानें खोलने खासतौर पर परचून की दुकानों के बारे में निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश के वर्तमान हालात में सरकार को जनता का पूरा सहयोग मिल रहा है। महामारी के खिलाफ सभी को मिलजुलकर लडऩा है। इसके बूते पर ही हालात को सामान्य बनाने की ओर बढ़ा जा सकता है।
यह भी पढ़ें-होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता, डॉक्टर की सलाह पर इनका इस्तेमाल
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें