World Breastfeeding Week 2020: नवजात के लिए वरदान है मां का दूध, जानें इसके सभी फायदे
World Breastfeeding Week 2020 एसआरएचयू में आयोजित वेब सिम्पोशियम विशेषज्ञों ने मां के दूध को नवजात के लिए अमृत बताया। उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं के लिए स्तनपान एक वरदान है।
डोईवाला(देहरादून), जेएनएन। World Breastfeeding Week 2020 विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) में आयोजित वेब सिम्पोशियम विशेषज्ञों ने मां के दूध को नवजात के लिए अमृत बताया। उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं के लिए स्तनपान एक वरदान है। इससे मां और बेटे दोनों का ही स्वास्थ्य ठीक रहता है। मां का पहला गाढ़ा दूध बच्चे का पहला टीकाकरण है। इससे बच्चे को आवश्यक खनिज के साथ ही रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग की ओर आयोजित वेब सिम्पोशियम में डॉ. तरु स्नेहा जिंदल ने बताया कि एक से सात अगस्त को मनाए जाने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह का मकसद माताओं को शिशु को स्तनपान कराने के प्रति जागरूक करना है। साथ ही स्तनपान को लेकर जुड़ी भ्रांतियों को भी दूर कर महिलाओं को इसके फायदें बताना है। उन्होंने कहा कि अगर मां बीमार है तो भी वह बच्चे को स्तनपान करा सकती है। यहां तक कि टायफायड, मलेरिया, पीलिया और कुष्ठ रोग में भी स्तनपान कराया जा सकता है।
आयोजन समिति की सचिव कम्यूनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. जयंती सेमवाल और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. शैली व्यास ने बताया कि वेबिनार में करीब 250 प्रतिभागियों ने शिरकत की। इसलिए महत्वपूर्ण है मां का दूध डॉ. तरु स्नेहा जिंदल ने बताया कि मां के दूध में प्रोटीन, वसा कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा और पानी की मात्रा पर्याप्त रूप में होती है। शिशु के लिए मां का दूध मस्तिष्क विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। इससे बच्चे में मधुमेह और उच्च रक्तचाप होने की संभावना कम रहती है।
दो साल तक मां का दूध ही आहार
डॉ. तरु स्नेहा जिंदल ने बताया कि बच्चे को छह माह तक मां का ही दूध पिलाएं। छह माह के बाद दो साल तक आहार के साथ मां का दूध पिलाते रहें। इससे बच्चा स्वस्थ रहने के साथ उसके रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ेगी।
स्तन कैंसर की संभावना होती है कम क
म्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. जयंती सेमवाल ने बताया कि स्तनपान कराने से महिलाओं में स्तन कैंसर की संभावना कम रहती है। शिशु को स्तनपान कराने से मां में खून बहना व एनीमिया की संभावना को कम करता है।
डिब्बाबंद दूध से करें परहेज
डॉ. शैली व्यास ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव होने पर भी मां अपने नवजात शिशु को दूध पिला सकती है। हालांकि, कुछ जरूरी नियमों का पालन करते हुए स्तनपान कराना होगा। कोरोना काल में शिशु के लिए डिब्बाबंद दूध से परहेज करें।
यह भी पढ़ें: World Hepatitis Day 2020: उत्तराखंड में हेपेटाइटिस-सी पर अब होगा चौतरफा वार