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संचार सुविधा को जूझते भिलंगना के कई गांव, कनेक्टिविटी के लिए ग्रामीणों को जाना पड़ता है तीन किमी दूर

संचार क्रांति के युग में भिलंगना प्रखंड के दूरस्थ गांव के लोग संचार सुविधा के लिए तरस रहे हैं। प्रखंड के थातीकठूड़ क्षेत्र के दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां कनेक्टिविटी की समस्या बनी है। यहां पर लंबे समय से बीएसएनएल की संचार सेवा बाधित है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 05:01 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 05:01 PM (IST)
संचार सुविधा को जूझते भिलंगना के कई गांव, कनेक्टिविटी के लिए ग्रामीणों को जाना पड़ता है तीन किमी दूर
संचार क्रांति के युग में भिलंगना प्रखंड के दूरस्थ गांव के लोग संचार सुविधा के लिए तरस रहे हैं।

संवाद सहयोगी, नई टिहरी: संचार क्रांति के युग में भिलंगना प्रखंड के दूरस्थ गांव के लोग संचार सुविधा के लिए तरस रहे हैं। प्रखंड के थातीकठूड़ क्षेत्र के दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां कनेक्टिविटी की समस्या बनी है। यहां पर लंबे समय से बीएसएनएल की संचार सेवा बाधित है, जिस कारण ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र में थातीकठूड़, कोट, विशन, मेड, मरवाड़ी, पिंसवाड़, निवालगांव, कोटी, आगर, भिगुन, सौला, कुंडियाली, रौंसाल आदि गांवों में कनेक्टिविटी की समस्या बनी रहती है।

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कई बार कनेक्टिविटी के लिए ग्रामीणों को इसके लिए तीन से पांच किमी दूर जाना पड़ता है। भिलंगना क्षेत्र के काफी लोग विदेश में नौकरी करते हैं। ऐसे में सिग्नल न होने के कारण ग्रामीणों का अपनों से संपर्क नहीं हो पाता है। बीएसएनएल के जहां पर टावर भी लगे हैं वह अक्सर खराब रहते हैं।  कोरोना के दौरान स्कूल बंद होने के कारण छात्रों की आनलाइन पढ़ाई भी प्रभावित रही। पिंसवाड़ के पूर्व प्रधान धर्म सिंह जखेड़ी, थातीकठूड़ भूपेंद्र नेगी, प्रधान सनोप सिंह का कहना है कि क्षेत्र में बीएसएनएल सेवा बाधित रहती है। उन्‍होंने बताया कि इस संबंध में कई बार निगम व प्रशासन को भी अवगत कराया गया है। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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वहीं क्षेत्रीय विधायक शक्तिलाल का कहना है कि क्षेत्र के लिए जियो कंपनी के करीब 17 टावर स्वीकृत किए गए हैं और इनके सर्वे का काम भी चल रहा है। दूर संचार के सहायक महाप्रबंधक बीएस नेगी का कहना है कि क्षेत्र में जहां पर बीएसएनएल के टावर लगाए गए हैं। उन्हें ठीक किया जा रहा है। अभी तक नए टावरों की स्वीकृति नहीं है।

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