विजया और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय
विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया है। विलय के बाद देश में बैंक ऑफ बड़ौदा सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया है।
देहरादून, जेएनएन। विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया। यह विलय केंद्र सरकार की इंद्रधनुष योजना के तहत किया गया है। विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया है।
इंदिरा नगर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में बैंक के रीजनल हेड सूरज कुमार श्रीवास्तव ने पत्रकार वार्ता में बताया कि एक अप्रैल को देशभर में एक साथ विजया व देना बैंकों का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय की प्रक्रिया आरंभ हुई। उन्होंने कहा कि इस विलय से दोनों बैंकों के ग्राहकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। न खाता बदलेगा और न ग्राहकों को पासबुक बदलने की जरूरत होगी।
उन्होंने बताया कि विलय के बाद तीनों बैंकों की कोई भी शाखा बंद नहीं होगी। भविष्य में केवल उन शाखाओं को दूसरी जगह खोला जाएगा, जिनके बीच की दूरी कम है। तीनों बैंक से किसी भी कर्मचारी को नहीं हटाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि देना बैंक के ग्राहकों को इस विलय का लाभ मिलेगा, क्योंकि देना बैंक के कुछ जमा मदों में सालाना ब्याज दर बैंक ऑफ बड़ौदा से कम है। ऐसे में बैंक ऑफ बड़ौदा से उन्हें अब रेट ऑफ इंट्रेस्ट कुछ ज्यादा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा की उत्तराखंड में 121 शाखाएं हैं। इसमें से करीब दो दर्जन देहरादून क्षेत्र में हैं, जबकि विजया व देना बैंकों की प्रदेश में 22-22 शाखाएं हैं। संयुक्त बैंक के पास 12 करोड़ ग्राहक बैंक ऑफ बड़ौदा के देशभर में करीब 12 करोड़ ग्राहक हैं, जबकि साढ़े नौ हजार के करीब बैंक शाखाएं हैं।
बताया कि बैंक के देशभर में 13400 एटीएम और 85 हजार से अधिक अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं। बैंक के पास 15 लाख करोड़ से अधिक का मिश्रित कारोबार है। विविधतापूर्ण उत्पादों एवं सेवाओं की श्रृंखला की व्यापक पहुंच के चलते ग्राहकों को लाभ मिलेगा। बैंक के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 21 देशों में कार्यालय हैं।
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