Move to Jagran APP

एक्टिव मामलों में कमी, पर सतर्कता जरूरी; मास्क और शारीरिक दूरी का सख्ती से हो पालन: सीएम

सीएम रावत ने कहा कि कोविड-19 के एक्टिव मामलों में कमी के बाद भी लगातार सावधान रहने की जरूरत है। प्रशासनिक स्तर पर किसी तरह की शिथिलता न हो।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 03:57 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 06:49 PM (IST)
एक्टिव मामलों में कमी, पर सतर्कता जरूरी; मास्क और शारीरिक दूरी का सख्ती से हो पालन: सीएम
एक्टिव मामलों में कमी, पर सतर्कता जरूरी; मास्क और शारीरिक दूरी का सख्ती से हो पालन: सीएम

देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोविड-19 के एक्टिव मामलों में कमी के बाद भी लगातार सावधान रहने की जरूरत है। प्रशासनिक स्तर पर किसी तरह की शिथिलता न हो। सीएम ने कहा, प्रदेश में रिकवरी रेट 81 प्रतिशत से अधिक हो गया है। मृत्यु दर को कम करने पर विशेष ध्यान देना होगा। गंभीर मामलों पर जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्वयं लगातार नजर रखें। ऐसे मामलों में बिना देरी रिस्पॉन्स सुनिश्चित किया जाए। लगातार सर्विलांस किया जाए और संदिग्ध मामलों में सैंपलिंग जरूर की जाए। सीएम ने ये भी निर्देश दिए कि मास्क और शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन हो। 

loksabha election banner

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। इस दौरान सीएम रावत ने बताया कि पिछले लगभग चार माह में कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए काफी काम किया गया है। इसी का परिणाम है कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना का रिकवरी रेट 81 प्रतिशत से अधिक है और यह निरंतर बढ़ रहा है।

हमारे यहां एक्टिव मामलों की संख्या 500 से कम है। पर अभी आराम का समय नहीं है। सतर्कता बनाए रखनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और क्वारंटाइन सेंटरों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। डेथ ऑडिट रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित की मृत्यु के कारणों का विश्लेषण कर देखा जाए कि कहां-कहां सुधार किए जाने की जरूरत है। क्लीनिकल मैनेजमेंट में सबसे गंभीर मामलों पर उच्च स्तर से मॉनीटरिंग की जाए। 

आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को समय पर हो भुगतान

आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि फ्रंटलाइन वर्कर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हमारे प्रमुख योद्धा हैं। इनके मानदेय के भुगतान में किसी तरह की देरी नहीं होना चाहिए। साथ ही इन्हें फेस शील्ड, सैनिटाइजर भी मुहैया करवाया जाए। 

मास्क और शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है। आइसीयू, वेंटिलेटर, टेस्टिंग मशीन और लैब आदि सुविधाओं में भी काफी वृद्धि हुई है। लोगों को लगातार जागरूक करने की जरूरत है। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से कराया जाए। कोविड-19 को लेकर भ्रामक और गलत खबर प्रसारित करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। कोराना से ठीक हुए लोगों के अनुभवों के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में साझा किए जाएं, जिससे आम जन में इसके प्रति जागरूकता आए। 

बुजुर्गों और गंभीर बीमारों के हेल्थ स्टेटस की लगतार मॉनीटरिंग 

मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि कोविड-19 को लेकर किसी भी तरह का फैसला बहुत सोच समझकर लिया जाता है। प्रदेश में स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। अन्य कई प्रदेशों से हमारी स्थिति बेहतर है। पर अब भी हमारे प्रयासों में किसी तरह की ढ़िलाई नहीं आनी चाहिए। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में कमी न रहे। कोविड-19 के प्रति संवेदनशील बुजुर्गों, छोटे बच्चों और बीमार व्यक्तियों को टार्गेट करते हुए उनके हेल्थ स्टेटस को लगातार मॉनीटरिंग किया जाए। जो भी डाटा मिलता है, जिलाधिकारी भी उसका विश्लेषण कर देखें कि उनके जिले में कहां कमियां रही हैं। उनमें सुधार किया जाए। कोविड-19 के साथ ही डेंगू पर भी ध्यान देना भी जरूरी है। बरसात के सीजन को देखते हुए भी सभी तैयारियां कर ली जाएं। 

विभिन्न मानकों पर राज्य की स्थिति बेहतर

सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि राज्य में कोविड-19 के कुल एक्टिव केस 500 से भी कम रह गए हैं। पिछले सात दिन में कोरोना की वृद्धि दर 0.56 प्रतिशत है, जबकि भारत में यह 1.28 प्रतिशत है। उत्तराखंड में कोरोना पॉजिटिव रेट 4.68 प्रतिशत है और देश में औसत पॉजिटिव रेट 6.73 प्रतिशत है। राज्य में कुल पॉजिटिव मामलों में से 89 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में और 11 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में पाए गए हैं। सेम्पलिंग में भी पहले की तुलना में लगातार बढ़ोतरी हुई है। राज्य की डबलिंग रेट 57.39 दिन है, जबकि देश की डबलिंग रेट 23.52 दिन है।

आइसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट की पर्याप्त उपलब्धता

कोविड केयर सेंटरों में वर्तमान में 22601 रिक्त बेड उपलब्ध हैं। कोविड फैसिलिटी में 1126 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, 247 आइसीयू बेड और 159 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। जिलों को सैंपलिंग के लिए 16 ट्रू-नेट मशीन उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं। जिलों की आवश्यकता के अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

यह भी पढ़ें: LIVE Uttarakhand Coronavirus Update: एम्स में पिछले 24 घंटों में तीन कोरोना संक्रमित, क्वारंटाइन सेंटर से किशोर फरार

कॉनटेक्ट ट्रेसिंग के लिए तीन राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम कार्यरत

आइजी संजय गुंज्याल ने बताया कि प्रदेश में कॉनटेक्ट ट्रेसिंग के लिए तीन कंट्रोल रूम काम कर रहे हैं। देहरादून, उत्तरकाशी और टिहरी के लिए देहरादून कंट्रोल रूम, हरिद्वार, पौड़ी, चमोली और रूद्रप्रयाग के लिए हरिद्वार कंट्रोल रूम और कुमायूं मण्डल के सभी जिलों के लिए रामनगर कंट्रोल रूम कार्य कर रहा है। सभी 13 जिलों में कॉनटेक्ट ट्रेसिंग के लिए बीआरटी और सीआरटी सक्रिय हैं। हर जिले में इसके लिए एक नोडल अधिकारी भी तैनात है। बैठक में आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, आयुक्त कुमायूं अरविंद सिंह ह्यांकि, सचिव डा. पंकज कुमार पांडेय, अपर सचिव युगल किशोर पंत, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. अमिता उप्रेती समेत सभी जिलाधिकारी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

यह भी पढ़ें: Coronavirus: कोरोना से जंग को अस्पतालों के लिए 11.25 करोड़ रुपए स्वीकृत, जांच में आएगी तेजी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.