फुटकर में फल-सब्जी के दामों में मनमानी, लोगों को खरीदनी पड़ रही है महंगे दामों पर
अब फुटकर फल-सब्जी विक्रेता अपने स्तर पर ही फल-सब्जी का आयात कर रहे हैं और खुद दाम तय कर मनमानी कर रहे हैं।
By Edited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 01:51 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। मंडी में दोबारा शुल्क शुरू क्या हुआ कि वेंडरों ने रास्ता ही बदल दिया। सरकार की मेहरबानी के चलते अब फुटकर फल-सब्जी विक्रेता अपने स्तर पर ही फल-सब्जी का आयात कर रहे हैं और खुद दाम तय कर मनमानी कर रहे हैं। इससे मंडी के कारोबार को तो नुकसान पहुंच ही रहा साथ ही आम आदमी को भी महंगे दामों पर फल-सब्जी खरीदनी पड़ रही है। इसके अलावा फुटकर व्यापारी कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ा रहे हैं।
लॉकडाउन खत्म होने के बाद मंडी समिति की ओर से आढ़तियों को कारोबार पर एक फीसद मंडी शुल्क लिया जा रहा है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के चलते सुरक्षा के लिहाज से तमाम बंदिशें भी लगाई हुई हैं। जबकि, मंडी के बाहर बिना शुल्क के ही फल-सब्जी के कारोबार की छूट सरकार द्वारा दी गई है। ऐसे में अब समस्या यह है कि वेंडर मंडी से फल-सब्जी लाने के बजाय खुद ही विभिन्न स्थानों से सब्जी ला रहे हैं। यही नहीं उत्तर प्रदेश से आयात पर प्रतिबंध होने के बावजूद फुटकर विक्रेता धड़ल्ले से बिहारीगढ़, सहारनपुर आदि क्षेत्रों से सब्जियां मंगवा रहे हैं। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है। जबकि, फुटकर में दाम तय करने को लेकर भी कोई व्यवस्था नहीं है। शहरभर में तमाम वेंडर अपनी मर्जी से दाम तय कर रहे हैं। जिससे एक ही सब्जी या फल के दामों में खासा अंतर बना हुआ है।
मंडी से वेंडरों ने बनाई दूरी
मंडी समिति के सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि मंडी में कारोबार घटा है। यहां सब्जी और फल की 75-75 दुकानें अलग-अलग समय में खोली जा रही हैं। एक समय में केवल 100 वेंडर को प्रवेश दिया जा सकता है। लेकिन एक दिन में यहां 50 वेंडर भी नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे दुकानें भी अपेक्षाकृत काफी कम खुल रही हैं। सामान्य दिनों में दो फीसद मंडी शुल्क लिया जाता था, लेकिन लॉकडाउन में सरकार के आदेश पर शुल्क नहीं लिया जा रहा था। अब फिर से यहां मंडी शुल्क लिया जा रहा है, लेकिन इसे घटाकर एक फीसद किया गया है।
आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र आनंद ने बताया कि खरीदार न मिलने से मंडी में कारोबार नहीं हो पा रहा है। जबकि, बाहर वेंडर को शुल्क से रियायत देने से बाजार में सीधे फल-सब्जी पहुंच रही है। ऐसे में आढ़तियों का कारोबार ठप है। सरकार को नियमों में बदलाव करना चाहिए। मंडी में भी शुल्क समाप्त किया जाए या बाहर भी शुल्क लिया जाए। साथ ही मंडी में दुकानों और वेंडरों के प्रवेश की संख्या को भी बढ़ाया जाना चाहिए।
फुटकर विक्रेता मोहम्मद शमीम का कहना है कि मंडी में माल खरीदने कभी-कभी जाते हैं, लेकिन बाहर से सीधे फल-सब्जी खरीदना ज्यादा सस्ता पड़ रहा है। ऐसे में किसानों और बाहरी व्यापारियों से सब्जी मंगाई जा रही है। दाम में ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं है। उपलब्धता के अनुसार ही रेट तय किए जा रहे हैं।
शहर में फुटकर के दाम
सब्जी, फुटकर दाम, थोक दाम
भिंडी, 30-40, 16-20
लौकी, 25-30, 15-18
बैंगन, 30-35, 18-20
शिमला मिर्च, 40-50, 20-24
बीन्स, 50-70, 30-35
चचिंडा, 30-40, 20-22
कद्दू, 30-35, 18-20
फल, फुटकर दाम, थोक दाम
आम, 40-100, 20-50
केला, 50-60, 30-35
सेब, 150-250, 80-140
पपीता, 40-60, 25-35
लीची, 100-130, 60-80
आड़ू, 40-60, 25-30
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