Dehradun Lockdown: अब दून के मोहल्लों में भी सस्ती दरों पर सब्जी उपलब्ध
लॉकडाउन के दौरान लोगों को मोहल्लों में कम दाम पर फल-सब्जी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रशासन ने नई व्यवस्था की है। मंडी से सब्जी लेकर वाहनों में थोक दाम पर शहर में बेचा जा रहा है।
देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान लोगों को मोहल्लों में ही कम दाम पर फल-सब्जी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रशासन ने नई व्यवस्था की है। मंडी से सब्जी लेकर वाहनों में थोक दाम पर शहर में बेचा जा रहा है। इससे बड़ी मात्र में मंडी में पहुंच रही सब्जियों को तो खराब होने से बचाया ही जा रहा, साथ ही बाजार में फल-सब्जी की बढ़ती कीमतों को काबू करने की कोशिश की जा रही है।
प्रशासन के निर्देश पर मंडी समिति और खाद्य आपूर्ति विभाग आमजन को सब्जी व राशन सुलभ कराने में जुटे हैं। इसके तहत शहर के विभिन्न इलाकों में लोडर के माध्यम से फल-सब्जी बेची गई। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार पूर्ति विभाग शहर के 20 स्थानों पर लोडर के माध्यम से सस्ती दरों पर फल और सब्जियों को बेची जा रही है। जिलापूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी ने बताया कि लोडर में विभिन्न तरह की सब्जियां व फल मिलेंगे। 20 लोडरों में 83 कुंतल फल और सब्जी रोज विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचाए जा रहे हैं।
शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं
थोक भाव मे मिल रहे फल-सब्जी की खरीद को भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में शारीरिक दूरी का ध्यान रखना चुनौती बन गया है। लोग फल-सब्जी लेने के लिए एक-दूसरे से सटकर खड़े हो रहे हैं। हालांकि, कई जगह लोगों को शारीरिक दूरी बनाने की सख्त हिदायत दी जा रही है और ऐसा करने पर ही सब्जी प्रदान की जा रही है। इसके बावजूद यह एक चुनौती से कम नहीं।
चयनित स्थल
डालनवाला, दीपनगर, रेसकोर्स गुरुद्वारा, लक्खीबाग, रिस्पना, बिंदाल, गोविंदगढ़, खुड़बुड़ा, करनपुर, नालापानी चौक, चंदर नगर, डिफेंस कॉलोनी आदि।
लॉकडाउन में रखा जाए उद्योगों का ख्याल
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश में किए गए लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड के उद्योग मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर पहले से ही हावी है। ऐसे में उद्योगों को सरकार की ओर से बिजली के बिलों में रियायत मिलनी चाहिए।
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के उत्तराखंड राज्य परिषद के कार्यकारी अधिकारी प्रभात नेगी ने कहा कि यूपीसीएल से अनुरोध किया गया है कि वह लॉकडाउन अवधि के दौरान गुजरात और महाराष्ट्र द्वारा तय शुल्क के अनुरूप उत्तराखंड में भी बिजली की दरों में छूट दें। आगामी 30 जून तक जुर्माने के बिना बिजली के बिलों के भुगतान पर छूट मिलनी चाहिए। बिजली दरों में 20 फीसद की कटौती और एक साल के पोस्ट लॉकडाउन के लिए पीक बिजली शुल्क को माफ किए जाने की जरूरत है।
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