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33 साल बाद फिर केंद्र में दस्तक देगा उत्तराखंड, पढ़िए पूरी खबर

एक हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई-छंटाई पर लगे प्रतिबंध से छूट पाने को राज्य फिर से केंद्र में दस्तक देने जा रहा है।

By Edited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 08:04 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 03:53 PM (IST)
33 साल बाद फिर केंद्र में दस्तक देगा उत्तराखंड, पढ़िए पूरी खबर
33 साल बाद फिर केंद्र में दस्तक देगा उत्तराखंड, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, केदार दत्त। उत्तराखंड में एक हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई-छंटाई पर लगे प्रतिबंध से छूट पाने को राज्य फिर से केंद्र में दस्तक देने जा रहा है। वर्ष 1986 में यह प्रतिबंध लगा था। अब इससे छूट पाने के मद्देनजर राज्य के पक्ष को मजबूती से रखने को विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें प्रतिबंध से उत्पन्न पर्यावरणीय कठिनाइयों के साथ ही तमाम बिंदुओं को शामिल किया गया है। वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के अनुसार 30 नवंबर को दिल्ली में होने वाले वन मंत्रियों के सम्मेलन में ये मसला पूरी गंभीरता के साथ रखा जाएगा। 

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प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में वनों के बेहिसाब कटान से उत्पन्न पर्यावरणीय खतरों को देखते हुए वर्ष 1986 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 1000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी गई थी। यह प्रतिबंध जारी रहने से सामने आ रही कठिनाइयों ने सरकार की पेशानी पर बल डाले हुए हैं। हालांकि, इससे छूट को पूर्व में कसरत भी हुई, मगर कोशिशें परवान नहीं चढ़ पाई। इसकी वजह राज्य का पक्ष मजबूती से न रखे जाने को माना जा सकता है। अलबत्ता, मौजूदा सरकार भी इस मसले को लेकर गंभीर हुई है। कुछ माह पहले वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने केंद्रीय वन मंत्री के समक्ष ये मुद्दा रखा। अब फिर से इसे केंद्र के समक्ष रखने को विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया गया है। डॉ. रावत के अनुसार प्रस्ताव में पूर्व में कराए गए अध्ययन का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस प्रतिबंध के कारण 1000 मीटर से ऊपर के वनों में दिक्कतें आ रही हैं। 
वहां पेड़ों के ऊपरी हिस्से आपस में जुड़े होने से धूप धरती पर नहीं पड़ती, जिससे प्राकृतिक पुनरोत्पादन पर असर पड़ रहा है। यही नहीं, प्रौढ़ व अति प्रौढ़ पेड़ उस लिहाज से कार्बन शोषित नहीं कर पा रहे, जैसा नया करते हैं। वन मंत्री के अनुसार इस सबके मद्देनजर पेड़ों की कटाई-छंटाई पर लगे प्रतिबंध से छूट जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा इसके जरिए हजार मीटर से ऊपर के जंगलों की सेहत सुधारना है। पेड़ों की कटाई-छंटाई से मिलने वाली आय को वहां नए जंगल पनपाने में उपयोग में लाया जाएगा। 
राज्य की मांग है कि जिस तरह हिमाचल को इस ऊंचाई पर पेड़ कटान से छूट दी गई, उसी तरह उत्तराखंड को भी मिलनी चाहिए। डॉ.रावत ने बताया कि पूर्व में केंद्र ने इस मसले पर सकारात्मक संकेत दिए थे। उन्होंने कहा कि अब 30 नवंबर को दिल्ली में वन मंत्रियों के सम्मेलन में वह राज्यहित से जुड़ा ये मुद्दा रखेंगे। केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री के साथ ही अधिकारियों से भी अलग से मुलाकात करेंगे। उम्मीद है जल्द ही इस मुद्दे का समाधान हो जाएगा।

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