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यूपी-हिमाचल के मरीज अब आपात स्थिति में होंगे भर्ती

यूपी व हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों के मरीजों को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आपात स्थिति में ही भर्ती किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 03:01 AM (IST)
यूपी-हिमाचल के मरीज अब आपात स्थिति में होंगे भर्ती
यूपी-हिमाचल के मरीज अब आपात स्थिति में होंगे भर्ती

जागरण संवाददाता, देहरादून: यूपी व हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों के मरीजों को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में अब आपात स्थिति व बेड की उपलब्धता के अनुसार ही भर्ती किया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सामान्य स्थिति में इन मरीजों को यथोचित स्थान के लिए रेफर कर दिया जाए। जबकि उत्तराखंड के मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर भर्ती किया जाए।

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स्वास्थ्य सचिव ने गुरुवार को अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए कि मरीज बेड की उपलब्धता के अनुसार ही भर्ती किए जाएं। बेड न होने पर बरामदा या गैलरी में किसी भी दशा में मरीज का न रखा जाए। ऐसे मरीजों को 108 एंबुलेंस की मदद से निकटवर्ती अस्पताल में भेजा जाए। इसके लिए मेडिकल कॉलेज में 24 घटे पर्याप्त संख्या में 108 एंबुलेंस तैनात रहेंगी। बैठक में अपर सचिव युगल किशोर पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीसी पंत, चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना, स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अमिता उप्रेती, निदेशक एनएचएम डॉ. अंजली नौटियाल, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा, महिला विंग की अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी जोशी, महिला एवं प्रसूति रोग की विभागाध्यक्ष डॉ. चित्रा जोशी, डॉ. केसी पंत, स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. अर्चना श्रीवास्तव आदि उपस्थित है। मरीज के साथ एक ही तीमारदार

अस्पताल में अब मरीज के साथ एक ही तीमारदार निर्धारित समय अवधि में रह पाएगा। उन्हें चिकित्सालय द्वारा पास जारी किया जाएगा। चिकित्सालय के सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से अराजक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सा अधीक्षक को मिले वित्तीय-प्रशासनिक अधिकार

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर शासन ने चिंता जताई है। स्वास्थ्य सचिव ने व्यवस्थाओं में सुधार एवं त्वरित कार्रवाई के लिए चिकित्सा अधीक्षक को वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार दिए जाने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा अधीक्षक तीन सदस्यों की समिति के परामर्श अनुसार चिकित्सालय के दैनिक एवं प्रशासनिक कार्यो को त्वरित स्तर पर निस्तारित करेंगे। समिति में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा के अलावा डॉ. केसी पंत व डॉ. मीनाक्षी जोशी शामिल रहेंगे। यह समिति एनएचएम से संबंधित गतिविधियों, चिकित्सकों एवं स्टाफ के अवकाश, ड्यूटी लगाने आदि का कार्य भी करेगी। स्वास्थ्य विभाग के सभी कार्मिक होंगे रिलीव

दून मेडिकल कॉलेज में तैनात स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों को अब अपने मूल विभाग में सेवा देनी होगी। स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने इस बावत निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दून अस्पताल व दून महिला अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य विभाग के सभी कार्मिकों को तुरंत उनके मूल विभाग के लिए कार्य मुक्त किया जाए। रिक्त पदों के लिए नई नियुक्तियों की प्रक्रिया भी अविलंब शुरू की जाए। नई नियुक्तियां होने तक चिकित्सालय में 24 घंटे सेवाएं देने के लिए आउटसोर्स पर आवश्यक मानव संसाधन की व्यवस्था की जाए। कार्मिकों की व्यवस्था होने तक पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी व अन्य डायग्नोस्टिक सेवाओं के लिए प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटरों से अनुबंध करने के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं। इन कार्यो के लिए एनएचएम की दरों पर विशेषज्ञों की तैनाती करने को भी कहा है। अस्पताल में अपराह्न दो बजे के बाद सभी आवश्यक सेवाओं के लिए भी चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने कहा है। भर्ती मरीजों को ड्रेस, स्टाफ यूनिफॉर्म में

स्वास्थ्य सचिव ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित 25 बेड का आइसीयू जल्द स्थापित करने के निर्देश मेडिकल कॉलेज प्रशासन को दिए हैं। साथ ही अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों को यूनिफॉर्म/ड्रेस उपलब्ध कराने को भी कहा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में तैनात चिकित्सकों व अन्य स्टाफ को भी डयूटी के दौरान यूनिफॉर्म में रहना होगा। निजी अस्पताल होंगे सूचीबद्ध

जनपद देहरादून के सभी निजी चिकित्सालय जहा प्रसव की सुविधा है, उन्हें आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के के तहत सूचीबद्ध किया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव ने महानिदेशक डॉ. टीसी पंत को इस बावत निर्देश दिए हैं। ताकि अत्याधिक दवाब की स्थिति में दून मेडिकल कॉलेज से मरीज यहा भेजे जा सकें। उन्होंने सभी कार्मिकों को मरीजों की सेवा के लिए 24 घंटे तत्पर रहने के निर्देश भी दिए हैं।


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