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उत्तराखंड में फिर परीक्षा ले सकता है मौसम, सात जिलों में भारी बारिश की आशंका

Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आज देहरादून और नैनीताल समेत सात जिलों में भारी बारिश की आशंका है। वहीं अन्य जिलों में भी गरज के साथ बौछारें पड़ने की आशंका है। वहीं कैंपटी फाल भी उफान पर है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 09:04 AM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 09:04 AM (IST)
उत्तराखंड में फिर परीक्षा ले सकता है मौसम, सात जिलों में भारी बारिश की आशंका
उत्तराखंड में फिर परीक्षा ले सकता है मौसम।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में फौरी राहत के बाद एक बार फिर से मौसम परीक्षा ले सकता है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आज देहरादून और नैनीताल समेत सात जिलों में भारी बारिश की आशंका है। वहीं, अन्य जिलों में भी गरज के साथ बौछारें पड़ने की आशंका है।

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इससे पहले शनिवार को चमोली जिले में पहाड़ी दरकने से चीन सीमा को जोडऩे वाला मलारी हाईवे बाधित हो गया। सीमा सड़क संगठन की टीम मलबा हटाने के काम में जुटी है। दूसरी ओर नैनीताल में भी शाम को तेज बारिश हुई। हाई कोर्ट मार्ग पर विशालकाय बांज का पेड़ गिरने पर एक होटल कर्मी ने भागकर जान बचाई। ठंडी सड़क में भी फिर भूस्खलन होने से पेड़ और मलबा झील में समा गया।

कैंपटी फाल उफान पर आया

वहीं, पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश से मसूरी के पास कैंपटी फाल भी उफान पर आ गया। देखते ही देखते फाल ने विकराल रूप धारण कर दिया। पुलिस की तत्परता रही कि उफान से ठीक पहले पुलिस ने 200 पर्यटकों और आसपास के के 20 दुकानदारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया था। हालांकि, अब अगले आदेश तक कैंपटी फाल में पर्यटकों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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लकड़ी का पुल बना आवाजाही को बनाई सुरक्षित राह

बारिश के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में पैदल रास्ते नालों-गदेरों में बनाया गए अस्थाई पुल बह जाने से दिक्कतें होती रही हैं। इन्हीं दिक्कतों से निजात के लिए ईराणी के ग्रामीणों ने भेलतना तोक में इराणी व पगना के मध्य वीर गांग में 16 मीटर लकड़ी का अस्थाई पुल बनाकर पैदल आवाजाही के लिए सुरक्षित राह बनाई।

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इस पुल से ग्रामीणों के अलावा सामान ले जाने वाले घोड़े खच्चरों की भी आवाजाही हो रही है। गौरतलब है कि जुलाई माह वीर गंगा पर बनाया गया अस्थाई पुल बह गया था। इस अस्थाई पुल के बहने से ईराणी के ग्रामीणों को आठ किमी अतिरिक्त पैदल चलना पड़ रहा था, गांव में खासकर गर्भवती महिलाएं, बीमार बुजुर्ग, बच्चों को इस फेर से खासी दिक्कतें हो रही थी । इसे देखते हुए ग्रामीणों ने यहां अस्थाई पुल बना दिया।

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